काहिरा:
मिस्र के न्यायाधीश संघ ने राष्ट्रपति मोहम्मद मोरसी की नई संवैधानिक घोषणा पत्र का विरोध करते हुए पूरे देश के सभी न्यायालयों और अभियोजन कार्यालयों में कामकाज ठप करने का आह्वान किया है।
समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती के अनुसार मिस्र के दूसरे सबसे बड़े शहर अलेक्जेंड्रिया में पहले ही हड़ताल पर जा चुके न्यायाधीशों और अभियोजन पक्ष का कहना है कि जब तक घोषणा पत्र वापस नहीं लिया जाएगा, तब तक वे काम पर नहीं लौटेंगे।
गौरतलब है कि मिस्र की सबसे बड़ी न्यायिक प्राधिकरण 'सुप्रीम जूडिशियल काउंसिल' ने पूर्व में मोरसी के कदम को न्यायापालिकाऔर उसके फैसलों की स्वतंत्रता पर अभूतपूर्व हमला बताया था। गुरुवार को जारी इस घोषणा के चलते पूरे देख में विरोध रैलियां निकाली जा रही हैं। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों में कम से कम 300 लोग घायल हो चुके हैं।
समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती के अनुसार मिस्र के दूसरे सबसे बड़े शहर अलेक्जेंड्रिया में पहले ही हड़ताल पर जा चुके न्यायाधीशों और अभियोजन पक्ष का कहना है कि जब तक घोषणा पत्र वापस नहीं लिया जाएगा, तब तक वे काम पर नहीं लौटेंगे।
गौरतलब है कि मिस्र की सबसे बड़ी न्यायिक प्राधिकरण 'सुप्रीम जूडिशियल काउंसिल' ने पूर्व में मोरसी के कदम को न्यायापालिकाऔर उसके फैसलों की स्वतंत्रता पर अभूतपूर्व हमला बताया था। गुरुवार को जारी इस घोषणा के चलते पूरे देख में विरोध रैलियां निकाली जा रही हैं। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों में कम से कम 300 लोग घायल हो चुके हैं।
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