काहिरा:
मिस्र में मतदाताओं ने भारी समर्थन से राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी और उनके इस्लामी सहयोगियों द्वारा तैयार किए गए संविधान को स्वीकार कर लिया है, जबकि धर्मनिरपेक्ष विपक्ष ने विरोध जताते हुए कहा कि इसमें अल्पसंख्यकों के अधिकारों को नजरअंदाज किया गया है।
सरकारी टीवी चैनल पर जनमत संग्रह के परिणामों की घोषणा करते हुए चुनाव संबंधी आयोग ने बताया कि जनमत संग्रह में करीब दो-तिहाई प्रतिशत मतदाताओं ने देश के नए संविधान का समर्थन किया है।
आयोग ने कहा कि 63 प्रतिशत या करीब एक करोड़ छह लाख मतदाताओं ने नए संविधान का समर्थन किया, जबकि 36. 2 फीसदी मतदाताओं ने इसके खिलाफ मतदान किया। दो चरणों में इस जनमत संग्रह को अंजाम दिया गया था, जिसके तहत 15 दिसंबर और 17 दिसंबर को मतदान किया गया था। प्रधानमंत्री हिशाम कंदील ने मिस्र की जनता को नए संविधान पर बधाई दी और कहा कि लोगों की जीत हुई है और कोई हारा नहीं है।
सरकारी टीवी चैनल पर जनमत संग्रह के परिणामों की घोषणा करते हुए चुनाव संबंधी आयोग ने बताया कि जनमत संग्रह में करीब दो-तिहाई प्रतिशत मतदाताओं ने देश के नए संविधान का समर्थन किया है।
आयोग ने कहा कि 63 प्रतिशत या करीब एक करोड़ छह लाख मतदाताओं ने नए संविधान का समर्थन किया, जबकि 36. 2 फीसदी मतदाताओं ने इसके खिलाफ मतदान किया। दो चरणों में इस जनमत संग्रह को अंजाम दिया गया था, जिसके तहत 15 दिसंबर और 17 दिसंबर को मतदान किया गया था। प्रधानमंत्री हिशाम कंदील ने मिस्र की जनता को नए संविधान पर बधाई दी और कहा कि लोगों की जीत हुई है और कोई हारा नहीं है।
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