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This Article is From Feb 06, 2011

मिस्र में प्रदर्शन जारी, संविधान की होगी समीक्षा

काहिरा: मिस्र में राष्ट्रपति होस्नी मुबारक के खिलाफ 13 दिन से चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच रविवार को प्रमुख विपक्षी समूह मुस्लिम ब्रदरहुड के नेता और उपराष्ट्रपति उमर सुलेमान की बीच वार्ता हुई, जिसमें दोनों पक्षों ने संविधान समीक्षा के लिए समिति गठित करने पर सहमति जताई। इससे पहले मुस्लिम ब्रदरहुड ने कहा था कि जब तक मुबारक इस्तीफा नहीं देते तब तक वह वार्ता में शामिल नहीं होगा। इस वार्ता में हालांकि प्रमुख विपक्षी शख्सियत मोहम्मद अल बरदई शामिल नहीं हुए। इस बीच अमेरिका ने सत्ता हस्तांतरण के लिए मुबारक पर दबाव बढ़ा दिया है। वार्ता के बाद ब्रदरहुड के प्रवक्ता गमाल नासिर ने कहा कि हमने वार्ता में शामिल होने का फैसला किया ताकि यह जान सकें कि लोगों की मांगों के प्रति सरकार कितनी गम्भीर है। इससे एक दिन पहले शनिवार को मिस्र की सत्ताधारी नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) ने अपने नेतृत्व में कुछ बड़े फेरबदल किए। राष्ट्रपति मुबारक के बेटे गमाल मुबारक ने एनडीपी के राजनीतिक प्रमुख और शफवत इल शरीफ ने पार्टी महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया। इन दोनों की जगह पर एनडीपी और संसद के उच्च सदन शूरा काउंसिल के सदस्य होसाम बदरवी को नियुक्त किया गया। इससे पहले समाचार चैनल अल अरबिया और अल जजीरा ने कहा था कि हुस्नी मुबारक ने पार्टी अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है लेकिन शनिवार देर रात चैनलों ने अपनी इस खबर का खंडन किया। इस बीच, मिस्र में मुबारक के खिलाफ 13वें दिन भी विरोध प्रदर्शनों जारी रहा। तहरीर चौक पर जुटे प्रदर्शनकारी तब तक वहां से न हटने को लेकर अडिग हैं जब तक कि मुबारक पद से इस्तीफा नहीं देते। इसी तरह के प्रदर्शन की खबरें एलेक्जेंड्रिया के अलावा मिस्र के अन्य शहरों से भी है। तहरीर चौक पर हालांकि अन्य दिनों की अपेक्षा रविवार को प्रदर्शनकारियों की उपस्थिति कम थी। काहिरा में पिछले दिनों के मुकाबले रविवार को कुछ सामान्य स्थिति बहाल हुई। सप्ताह के बाद बैंक, दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान खुले। काहिरा की  सड़कों पर यातायात सुचारू करने के लिए पुलिसकर्मी काम पर लौट आए।  मिस्र के स्वास्थ्य मंत्री अहमद फरीद ने कहा कि पिछले 25 जनवरी से जारी हिंसा में कम से कम पांच हजार लोग घायल हुए हैं। उधर संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि पुलिस के साथ हिंसक झड़प में पिछले सप्ताह कम से कम 300 लोगों की मौत हुई है। आंदोलन की वजह से देश में भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। प्रधानमंत्री अहमद शफीक ने कहा कि मिस्र की शहरों में हालात सामान्य हो रहे हैं और सुरक्षा की स्थिति प्रतिदिन सुधर रही है। ओबामा शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण के पक्ष में : मिस्र में क्रमिक और शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण का दबाव बनाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने दुनिया के अन्य प्रमुख नेताओं से मिस्र के मौजूदा राजनीतिक हालत पर विचार-विमर्श किया। ओबामा ने मिस्र के मौजूदा हालात पर विचार विमर्श के लिए जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल, ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और संयुक्त अरब अमीरात के युवराज मोहम्मद बिन जाएद से बात की। सभी नेता इस मुद्दे पर आपसी विचार-विमर्श जारी रखने पर सहमत हुए। बातचीत के दौरान ओबामा ने मिस्र की जनता की इच्छा के अनुकूल सरकार को क्रमिक और शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया तुरंत शुरू करने पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने सरकार और विपक्ष के बीच विश्वसनीय और समेकित वार्ता की बात कही। व्हाइट हाउस द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक अमेरिकी उपराष्ट्रपति जो बिडेन ने अपने मिस्र के समकक्ष उमर सुलेमान से हुई बातचीत में मिस्र के लोगों की इच्छा के अनुकूल लोकतांत्रिक सरकार को सत्ता हस्तांतरित करने के लिए विश्वसनीय और समेकित वार्ता की प्रक्रिया में हुई प्रगति की जानकारी ली। अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने स्पष्ट सुधार योजना, स्पष्ट समयसीमा और त्वरित कदम उठाए जाने की जरूरत पर जोर दिया। शुक्रवार को ओबामा ने मिस्र के राष्ट्रपति होस्नी मुबारक से कहा था कि वह जनता की आवाज सुनें और सही फैसला लें।लोकतंत्र की स्थापना की अपील : दूसरी ओर म्युनिख में सुरक्षा सम्मेलन में शिरकत कर रहे पश्चिमी देशों के नेताओं ने मिस्र में सुनियोजित तरीके से सत्ता हस्तांतरण और लोकतंत्र की स्थापना की अपील की। जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल ने कहा, "सरकार विहीन होने की स्थिति से बचने के लिए सत्ता का चरणबद्ध हस्तांतरण किया जाना चाहिए।" इस्रायल के राष्ट्रपति शिमोन पेरेज ने मिस्र में विद्रोह के कारण मध्य पूर्व में सम्भावित बदलावों को लेकर शनिवार को चिंता जाहिर की। समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार पेरेज ने कहा, "सरकार या चुनावी प्रणाली में होने वाले किसी भी बदलाव को लेकर हम बहुत चिंतित हैं।" पेरेज ने कहा, "यदि मिस्र में मुस्लिम ब्रदरहुड विजयी होता है तो उसकी सरकार शांति नहीं ला पाएगी।" पेरेज ने यह टिप्पणी जेरुसलम में जुटे 32 यूरोपीय देशों के 430 सांसदों को सम्बोधित करते हुए की।

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मिस्र, प्रदर्शन, संविधान, समीक्षा
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