लंदन:
दुनिया भर के नि:संतान जोड़ों के लिए पोप बेनेडिक्ट का संदेश है, कृत्रिम प्रजनन की विधि को त्यागें, गर्भधारण के लिए सेक्स एकमात्र स्वीकार्य तरीका है। पोप ने गर्भधारण के लिए कृत्रिम गर्भाधान की विधियों जैसे आईवीएफ आदि को ‘हठी’ तरीका बताया है और कहा है कि विवाह नई मानव उत्पत्ति के लिए एकमात्र सही उपाय है।
रोम में बांझपन पर तीन दिन तक चले वेटिकन के एक सम्मेलन का शनिवार को समापन हुआ, जिसमें पोप ने कृत्रिम प्रजनन के प्रति वेटिकन के विरोधी रुख को फिर से दोहराया। उन्होंने नि:संतान जोड़ों से कहा कि वह वैवाहिक संबंधों को छोड़कर गर्भधारण की और किसी भी विधि को अपनाने की कोशिश से बचें।
‘डेली मेल’ की खबर में पोप बेनेडिक्ट सोलहवें को यह कहते हुए उद्धृत किया गया है कि मानव और ईसाई समुदाय का गौरव किसी उत्पाद के होने में निहित नहीं है, बल्कि अपने वैवाहिक रूप में यह किसी दंपति के एक होने से उत्पन्न प्यार की अभिव्यक्ति है और यह न केवल जैविक, बल्कि आध्यात्मिक है।
रोम में बांझपन पर तीन दिन तक चले वेटिकन के एक सम्मेलन का शनिवार को समापन हुआ, जिसमें पोप ने कृत्रिम प्रजनन के प्रति वेटिकन के विरोधी रुख को फिर से दोहराया। उन्होंने नि:संतान जोड़ों से कहा कि वह वैवाहिक संबंधों को छोड़कर गर्भधारण की और किसी भी विधि को अपनाने की कोशिश से बचें।
‘डेली मेल’ की खबर में पोप बेनेडिक्ट सोलहवें को यह कहते हुए उद्धृत किया गया है कि मानव और ईसाई समुदाय का गौरव किसी उत्पाद के होने में निहित नहीं है, बल्कि अपने वैवाहिक रूप में यह किसी दंपति के एक होने से उत्पन्न प्यार की अभिव्यक्ति है और यह न केवल जैविक, बल्कि आध्यात्मिक है।
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