
Donald Trump's 10 Big Decisions: डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिका का दूसरी बार राष्ट्रपति बने 100 दिन 30 अप्रैल को पूरे होने वाले हैं. मगर इतने कम समय में उन्होंने पूरी दुनिया को हिला दिया है. सारे समीकरण बिगड़ गए हैं और दुनिया की कूटनीति नये रंग लेती दिख रही है. यूरोप से एशिया तक ट्रंप की धमक महसूस की जा रही है. आइए, जानते हैं ट्रंप के लिए अब तक के 10 बड़े फैसले...
यूक्रेन को छोड़ा रूस को साधा

बाइडेन के रुख के एकदम उलट ट्रंप ने यूक्रेन को अकेला छोड़ दिया. यहां तक की व्हाइट हाउस में उनकी जेलेंस्की से बहस भी हो गई. वहीं पुतिन के साथ लगातार उनकी फोन कॉल चर्चा में रहे. ट्रंप के आने के बाद से दुनिया में रूस की धाक भी बढ़ी है.
नाटो को किया प्रणाम

अमेरिका का हर राष्ट्रपति नाटो को भरपूर मदद करता था. अमेरिका ने नाटो को एक तरह से पाला और पोसा. मगर ट्रंप ने आते ही उससे किनारा कर लिया. उन्होंने यूरोपीय सहयोगियों पर आरोप लगाया कि वो अमेरिका के भरोसे बैठे हैं और रक्षा क्षेत्र में खर्च नहीं करते. उन्होंने नाटो से अमेरिका के निकलने तक की धमकी दे डाली.
अमेरिका में अवैध रूप से रहने वालों पर शिकंजा

ट्रंप ने अमेरिका में अवैध रूप से घुसे लोगों की पहचान की और उन्हें देश से बाहर निकाल दिया. अपने सैनिक विमानों से अमेरिका ने इन अवैध प्रवासियों को उनके देश भेज दिया. इससे कई देशों के साथ अमेरिका की तनातनी भी हुई.
अमेरिकी विश्वविद्यालयों के साथ टकराव

ट्रंप की अमेरिकी विश्वविद्यालयों के साथ भी तनातनी हुई. ट्रंप ने इन विश्वविद्यालयों को यहूदी विरोधी और हमास समर्थक बताकर निशाने पर लिया. एक्टिविस्ट स्टूडेंट्स को भी देश से निकाल दिया.
सरकारी नौकरियों की संख्या कम की

ट्रंप ने अमेरिका में सरकारी नौकरियों में छंटनी चली दी. एलन मस्क के नेतृत्व में बने डोज ने हजारों सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया. इससे अमेरिका में भी खूब विरोध प्रदर्शन हुए.
अमेरिका के विस्तार की बात कर दी

ट्रंप ने शपथ लेते ही अमेरिका के विस्तार की बात कर दी. इससे उसके यूरोपीय सहयोगी ही भड़क गए. कनाडा को वो कई बार अमेरिका का 51वां राज्य बता चुके हैं. वहीं ग्रीनलैंड, पनामा और गाजा तक पर कंट्रोल करने की चाह दिखाई.
ईरान से डील की कोशिश

पिछली बार ईरान से न्यूक्लियर डील तोड़ने वाले ट्रंप इस कार्यकाल में उसके साथ डील करना चाहते हैं. ऐसा नहीं करने पर वो ईरान को सबक सिखाने की धमकी भी दे रहे हैं.
WHO को अमेरिका ने गुड बाय किया

कोरोना के समय से ही ट्रंप के निशाने पर WHO रहा है. दूसरे कार्यकाल में उन्होंने अमेरिका को इससे बाहर कर दिया. अब तक अमेरिका ही WHO को सबसे ज्यादा फंड देता था. फिलहाल तो चीन फंड दे रहा है, मगर अमेरिका की जगह वो ले पाएगा, कहना मुश्किल है.
USAID पर रोक

ट्रंप ने दूसरे कमजोर देशों को अमेरिका की तरफ से देने वाली सहायता राशि पर रोक लगा दी है. अमेरिका गरीब देशों को पीने के पानी से लेकर अनाज और दवाइयों तक के लिए फंड देता था. साथ ही विकासशील देशों को भी कई तरह की रियायत देता था.
ट्रंप का टैरिफ बम

सबसे बड़ा फैसला ट्रंप का टैरिफ लगाने को लेकर था. ट्रंप ने उन सभी देशों पर टैरिफ लगा दिया, जो अमेरिकी सामानों पर अपने यहां टैरिफ लगाते थे. इससे पूरी दुनिया में हंगामा मच गया. आनन-फानन में दुनिया के बड़े-बड़े देश अमेरिका से डील करने जुट गए. आखिरकार चीन को छोड़कर ट्रंप ने सभी देशों को 90 दिनों में नई बिजनेस डील का वक्त दे दिया.
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