अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच स्थिति को बहुत खतरनाक बताया है. साथ ही, उन्होंने यह भी कहा है कि वह कोई बहुत मजबूत कदम उठाने की नयी दिल्ली की इच्छा को समझते हैं क्योंकि वह करीब 50 लोगों को खो चुका है. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए जबकि पांच अन्य घायल हुए थे. पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. भारत ने हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ एक बड़ा कूटनीतिक अभियान शुरू किया और राजकीय नीति के तौर पर आतंकवाद का इस्तेमाल करने में पाकिस्तान की भूमिका को उजागर किया. अमेरिका के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने पाकिस्तान पर दबाव डाला कि वह अपनी सरजमीं को आतंकी संगठनों का पनाहगाह बनने से रोके और पुलवामा हमले के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे.
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ट्रंप ने चीन के उप प्रधानमंत्री लियू हे नीत एक चीनी प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा कि कश्मीर में बहुत खतरनाक स्थिति है. राष्ट्रपति ने आतंकवादी हमले के मद्देनजर भारत की ओर से एक मजबूत जवाब की संभावना का उल्लेख किया. भारत के आत्मरक्षा के अधिकार के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा कि भारत किसी मजबूत कदम पर विचार कर रहा है और मेरा मतलब है कि भारत ने हमले में अपने 50 लोगों को खोया है. इसलिए, मैं भी इस बात को समझ सकता हूं. दक्षिण एशिया के इन दो पड़ोसी देशों के बीच तनावपूर्ण स्थिति के बारे में पूछे गए सवालों पर ट्रंप ने कहा कि अमेरिका इस बारे में बात कर रहा है जैसा कि कुछ अन्य देश कर रहे हैं. हालांकि उन्होंने उनका नाम नहीं लिया.
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उन्होंने कहा कि हम बात कर रहे हैं और बहुत से लोग बातें कर रहे हैं. लेकिन अभी यह बहुत ही नाजुक संतुलन रखना होगा. जो कुछ हुआ है उसके कारण भारत और पाकिस्तान के बीच बहुत सारी समस्याएं हैं. ट्रंप ने कहा कि पाकिस्तान और भारत के बीच अभी बहुत भयानक चीज हो रही है.यह बहुत बुरी स्थिति है और दोनों देशों के बीच यह एक खतरनाक स्थिति है. हम इसे रुकते देखना चाहेंगे. ट्रंप ने कहा कि मैंने पाकिस्तान को 1.3 अरब अमेरिकी डॉलर की सहायता राशि देना बंद कर दिया. इस बीच, हम पाकिस्तान के साथ कुछ बैठकें कर सकते हैं.
पाकिस्तान ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपतियों के शासनकाल में अमेरिका का बहुत फायदा उठाया है. गौरतलब है कि भारत ने 14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान से 'तरजीही देश' (एमएफएन) का दर्जा वापस लेने का ऐलान किया था और पाकिस्तान में बनी वस्तुओं पर सीमाशुल्क 200 फीसदी तक बढ़ा दिया था.
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