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मुझे नहीं मिलेगा नोबल और यह अमेरिका का अपमान...  शांति पुरस्‍कार पर ट्रंप का बड़ा दावा 

ट्रंप पिछले कई महीनों में दोहरा चुके हैं कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान संघर्ष को 'ट्रेड डिप्‍लोमैसी' से खत्‍म किया है. ट्रंप ने कर बार कहा है कि उन्हें 'सात युद्धों को खत्‍म करने' के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया जाना चाहिए.

  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि नोबल शांति पुरस्कार न मिलने पर यह अमेरिका के लिए अपमान होगा.
  • ट्रंप ने कई युद्धों को सुलझाने का श्रेय लिया और खुद को नोबल पुरस्कार देने की वकालत की है.
  • उन्होंने भारत-पाकिस्तान संघर्ष खत्म करने का श्रेय ट्रेड डिप्लोमेसी से अपने प्रयासों को दिया है.
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वॉशिंगटन:

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने एक बार फिर नोबल शांति पुरस्‍कार को लेकर बड़ा बयान दिया है. ट्रंप ने कहा है कि अगर उन्‍होंने नोबल पुरस्‍कार नहीं जीता तो यह अमेरिका के लिए किसी अपमान से कम नहीं होगा.  ट्रंप ने अपने बयान में एक बार फिर कई युद्धों को सुलझाने का श्रेय लिया है. इसके साथ ही उन्‍होंने एक बार फिर युद्ध को रोकने के लिए खुद ही खुद को नोबल शांति पुरस्‍कार देने की वकालत कर डाली. 

फिर किसे मिलेगा नोबल  

टीआरटी वर्ल्‍ड के अनुसार राष्‍ट्रपति ट्रंप से सवाल किया गया था, 'क्या आपको नोबेल पुरस्कार मिलेगा?' इस पर ट्रंप ने जवाब दिया, 'बिल्कुल नहीं.' ट्रंप ने आगे कहा, 'वो इसे किसी ऐसे व्यक्ति को देंगे जिसने कुछ भी नहीं किया.' ट्रंप ने मंगलवार को वर्जीनिया के क्वांटिको में टॉप मिलिट्री कमांडर्स की मीटिंग में यह बात कही. ट्रंप ने कहा, 'यह हमारे देश का बहुत बड़ा अपमान होगा.' उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका अपराध और इमीग्रेशन के कारण 'आंतरिक युद्ध' का सामना कर रहा है. 

भारत-पाक युद्ध रोकने का श्रेय  

ट्रंप पिछले कई महीनों में दोहरा चुके हैं कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान संघर्ष को 'ट्रेड डिप्‍लोमैसी' से खत्‍म किया है. ट्रंप ने हर बार जोर देकर यही बात कही है कि उन्हें 'सात युद्धों को खत्‍म करने' के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया जाना चाहिए. ट्रंप पहलगाम आतंकी हमले के बाद, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच बने युद्ध जैसे माहौल को खत्‍म करने श्रेय लेते आ रहे हैं. हालांकि भारत ने हर बार उनके दावे का खंडन किया है. भारत ने साफ किया है कि पाकिस्‍तान के साथ तनाव को खत्‍म करने का निर्णय द्विपक्षीय था. 

ट्रंप ने गिनाए कितने युद्ध 

20 सितंबर को  ट्रंप ने अमेरिकन कॉर्नरस्टोन इंस्टीट्यूट के फाउंडर के डिनर में कहा, 'विश्व मंच पर हम एक बार फिर ऐसे काम कर रहे हैं जिससे हमें उस स्तर का सम्मान मिल रहा है जो पहले कभी नहीं मिला.' इसके बाद ट्रंप ने आगे कहा, 'हम शांति समझौते कर रहे हैं और युद्ध रोक रहे हैं. हमने भारत और पाकिस्तान, थाईलैंड और कंबोडिया के बीच युद्ध रोक दिए.' ट्रंप के शब्‍दों में, 'भारत और पाकिस्तान के बारे में सोचिए. उसके बारे में सोचिए. और आप जानते हैं कि मैंने इसे कैसे रोका, व्यापार के जरिए. वो व्यापार करना चाहते हैं. और मैं दोनों नेताओं का बहुत सम्मान करता हूं. लेकिन आप इन सभी युद्धों पर नजर डालिए जिन्हें हमने रोका है.' 

रूस-यूक्रेन युद्ध नहीं रुका 

इसी कार्यक्रम में ट्रंप ने दावा किया कि भारत, पाकिस्तान, थाईलैंड, कंबोडिया, आर्मेनिया, अजरबैजान, कोसोवो और सर्बिया, इजरायल और ईरान, मिस्र और इथियोपिया, रवांडा और कांगो, इन सबके बीच युद्ध को उन्‍होंने रोका है. वहीं उन्‍होंने यह भी बताया कि रूस-यूक्रेन का युद्ध अगर रुका तो ही उन्‍हें नोबल शांति पुरस्कार नहीं मिल पाएगा.  

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