- डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया कि रूस, चीन और पाकिस्तान छुपाकर न्यूक्लियर टेस्ट कर रहे हैं, अमेरिका भी ऐसा करेगा
- अमेरिका व्यापक परमाणु-परीक्षण-प्रतिबंध संधि का सदस्य है जो सभी प्रकार के न्यूक्लियर टेस्ट पर प्रतिबंध लगाती है
- अमेरिकी ऊर्जा मंत्री का दावा- अमेरिका फिलहाल केवल सिस्टम टेस्ट कर रहा है, परमाणु विस्फोट नहीं कर रहा है
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया है कि रूस, चीन और पाकिस्तान सहित कई देश छिपाकर अंडरग्राउंड न्यूक्लियर टेस्ट कर रहे हैं और अब अमेरिका भी ठीक ऐसा ही करेगा. रविवार, 2 नवंबर को जारी एक इंटरव्यू में ट्रंप ने CBS के एक प्रोग्राम में कहा, "रूस टेस्ट कर रहा है, और चीन टेस्ट कर रहा है, लेकिन वे इसके बारे में बात नहीं करते हैं." उन्होंने कहा, ''मैं एकमात्र ऐसा देश नहीं बनना चाहता जो टेस्ट नहीं करता है.'' उन्होंने न्यूक्लियर टेस्ट करने वाले देशों की लिस्ट में नॉर्थ कोरिया और पाकिस्तान को भी शामिल किया है.
क्या 33 साल बाद फिर अमेरिका न्यूक्लियर ब्लास्ट करने वाला है?
ट्रंप ने अमेरिका के न्यूक्लियर टेस्ट करने का आदेश देकर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. क्या अमेरिका सिर्फ न्यूक्लियर एक्सपेरिमेंट करने जा रहा है या वह न्यूक्लियर ब्लासट करके अपनी ताकत को परखेगा और बढ़ाएगा. अगर ट्रंप ने ब्लास्ट करने का आदेश दिया है तो इसका मतलब होगा कि 1992 के बाद अमेरिका पहली बार न्यूक्लियर विस्फोट करेगा.
79 साल के राष्ट्रपति ने पहली बार साउथ कोरिया में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बैठक करने से कुछ मिनट पहले बीते गुरुवार को सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अपनी आश्चर्यजनक घोषणा की थी. ट्रंप की इस घोषणा से पहले रूस ने कहा था कि उसने एक नई परमाणु-संचालित क्रूज मिसाइल, ब्यूरवेस्टनिक और एक परमाणु-संचालित और परमाणु-सक्षम पानी के नीचे चलने वाले ड्रोन का परीक्षण किया है.
इंटरव्यू में ट्रंप से सीधे तौर पर यह पूछा गया कि क्या उन्होंने अमेरिका के लिए लगभग तीन दशकों से अधिक वक्त में पहली बार परमाणु हथियार विस्फोट करने की योजना बनाई है. इसपर ट्रंप ने CBS से कहा: "मैं कह रहा हूं कि हम अन्य देशों की तरह परमाणु हथियारों का परीक्षण करने जा रहे हैं, हां."
न्यूज एजेंसी AFP की रिपोर्ट के अनुसार दशकों से नॉर्थ कोरिया के अलावा किसी अन्य देश ने ऐसा परमाणु विस्फोट नहीं किया है जिसकी जानकारी दुनिया के सामने आई है. रूस और चीन ने क्रमशः 1990 और 1996 के बाद से ऐसे टेस्ट नहीं किए हैं. लेकिन ट्रंप ने कहा कि ये देश "आपको इसके बारे में नहीं बताते हैं... वे जितने शक्तिशाली हैं, यह एक बड़ी दुनिया है. जरूरी नहीं कि आप जानते हों कि वे कहां टेस्ट कर रहे हैं. वे अंडरग्राउंड तरीके से टेस्ट करते हैं जहां लोगों को ठीक से पता नहीं चलता है. आपको केवल थोड़ा-सा कंपन महसूस होता है."
ट्रंप के मंत्री ने क्या बताया?
हालांकि ट्रंप के इनर्जी सेक्रेटरी (उर्जा मंत्री) ने रविवार को इस बात को नकारा कि अमेरिका परमाणु विस्फोट करने की योजना बना रहा है. क्रिस राइट ने रविवार को फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कहा, "मुझे लगता है कि अभी हम जिन टेस्ट्स के बारे में बात कर रहे हैं, वे सिस्टम टेस्ट हैं. ये न्यूक्लियर विस्फोट नहीं हैं."
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