
क्या आखिरकार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके बिलिनेयर पार्टनर एलन मस्क में पहली फूट पड़ चुकी है? यह बात अफवाह से ज्यादा सच्चाई नजर आ रही है क्योंकि एलन मस्क पूरी तरह से यह संकेत दे रहे हैं कि वो ट्रंप के टैरिफ वाली रणनीति से खुश नहीं हैं. मंगलवार, 8 अप्रैल को यह रिपोर्ट आई कि एलन मस्क ने बार-बार व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास किए कि डोनाल्ड ट्रंप तमाम देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने के फैसले से पीछे हट जाए. ट्रंप ने इस फैसले ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उथल-पुथल पैदा कर दी है.
हालांकि ट्रंप को मनाने में मस्क विफल रहे हैं और कुछ पर्यवेक्षकों (ऑब्जर्वर) के लिए यह अमेरिकी राष्ट्रपति और दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति के बीच बढ़ती दरार का सबूत है.
वाशिंगटन पोस्ट ने इसको लेकर एक रिपोर्ट छापी है. इसके अनुसार दो सूत्रों ने पुष्टि की कि मस्क ने वीकेंड में ट्रंप से कई व्यक्तिगत संपर्क किए थे ताकि उन्हें 2 अप्रैल के टैरिफ ऐलान को उलटने के लिए मनाने की कोशिश की जा सके. हालांकि टैरिफ ऐलान को ट्रंप ने वापस नहीं लिया और थोपे सोमवार, 7 अप्रैल को दुनिया भर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट आई, कई कंपनियों के मूल्यों से खरबों डॉलर का सफाया हो गया. खुद ट्रंप के कई अरबपति दोस्तों की संपत्ति में गिरावट आई. इसमें टेस्ला और SpaceX के फाउंडर और एक्स के मालिक मस्क भी शामिल हैं. द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार उनकी व्यक्तिगत संपत्ति पिछले साल के बाद पहली बार $ 300 बिलियन से नीचे गिर गई है.
यहां तक की मस्क ने ट्रंप के एक प्रमुख सहयोगी और व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो को भी खुलेआम निशाने पर लिया है. पीटर नवारो को ही टैरिफ रणनीति के पीछे का दिमाग माना जाता है. मस्क ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से इकनॉमिक्स में नवारो की मास्टर डिग्री पर हमला किया. नवारो ने मस्क को निर्माता के बजाय "कार असेंबलर" कहा क्योंकि टेस्ला के कई इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) हिस्से विदेशों से आते हैं. जवाब में मस्क ने एक पोस्ट में कहा, "नवारो वास्तव में एक मूर्ख है. वह यहां जो कहता है वह स्पष्ट रूप से झूठ है."
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