विज्ञापन

'अगर मैं पीता तो...', ट्रंप ने क्यों कहा कि उनमें है 'एडिक्टिव पर्सनैलिटी'? जानिए इस बयान का पूरा मतलब

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी चीफ ऑफ स्टाफ सूसी वाइल्स के विस्फोटक बयान पर मुहर लगा दी है. वाइल्स ने कहा था कि ट्रंप में 'शराबी जैसी पर्सनैलिटी' है, जिस पर ट्रंप ने कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि वह शराब नहीं पीते.

'अगर मैं पीता तो...', ट्रंप ने क्यों कहा कि उनमें है 'एडिक्टिव पर्सनैलिटी'? जानिए इस बयान का पूरा मतलब
'शराबी की पर्सनैलिटी है ट्रंप की!' चीफ ऑफ स्टाफ के विस्फोटक बयान पर US राष्ट्रपति ने खुद लगाई मुहर (File Photo)
PTI

World News: 'अगर मैं ड्रिंक करता, तो बहुत संभावना थी कि मैं एडिक्ट बन जाता.' अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने यह चौंकाने वाला बयान देकर राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है. यह बयान उनकी चीफ ऑफ स्टाफ सूसी वाइल्स (Susie Wiles) के एक स्टेटमेंट के बाद आया है, जिसमें वाइल्स ने कहा था कि ट्रंप की 'शराबी जैसी पर्सनैलिटी' है. ट्रंप ने न्यूयॉर्क पोस्ट को दिए इंटरव्यू में इस बात पर मुहर लगाई कि उनमें 'एडिक्टिव टाइप पर्सनैलिटी' है, लेकिन उन्होंने इसे अपने अत्यधिक केंद्रित (Single-minded) और जबरदस्त लक्ष्य-साधना के लिए एक मजबूत प्रेरणा बताया.

'भाग्यशाली हूं कि मैं शराब नहीं पीता'

ट्रंप ने मंगलवार को वाइल्स के इस तीखे बयान को खारिज करने के बजाय, उसे सहजता से स्वीकार कर लिया. वाइल्स ने यह ओवरव्यू वैनिटी फेयर को दिए अपने इंटरव्यू में किया था. ट्रंप ने अपने बयान में आगे कहा, 'मैंने यह बात कई बार अपने बारे में कही है... मैं भाग्यशाली हूं कि मैं शराब पीने वाला नहीं हूं. अगर मैं पीता, तो बहुत संभावना थी कि मैं ऐसा ही होता, क्योंकि मैंने यह कहा है — मुझमें व्यसनी (addictive type) व्यक्तित्व है.'

'एडिक्टिव पर्सनैलिटी' का मतलब समझें

ट्रंप और सूसी वाइल्स दोनों ने इस "शराबी की पर्सनैलिटी" वाले बयान को सकारात्मक तरीके से पेश किया है. वाइल्स ने अपनी बात स्पष्ट करते हुए कहा कि उच्च-कार्यशील शराबी (high-functioning alcoholics) या सामान्य शराबियों का व्यक्तित्व तब अतिरंजित (exaggerated) हो जाता है जब वे पीते हैं. चूंकि उनके पिता (स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट पैट समरॉल) भी एक शराबी थे, इसलिए उन्हें "बड़े व्यक्तित्वों" की समझ है. वाइल्स ने जोर देकर कहा कि ट्रंप के मामले में, यह गुण उनके काम करने के तरीके को प्रभावित करता है. वह इसी व्यक्तित्व के कारण "इस विचार के साथ काम करते हैं कि ऐसा कुछ भी नहीं है जो वह नहीं कर सकते. कुछ भी नहीं, शून्य, कुछ भी नहीं." यानी, उनका यह अडिग और 'एडिक्टिव' जुनून ही उनके लक्ष्यों को एकल-केंद्रित तरीके से साधने में मदद करता है.

वाइल्स ने उठाए कई बड़े अधिकारियों पर सवाल

सूसी वाइल्स, जिन्हें कैबिनेट रैंक हासिल है और जो प्रशासन में ट्रंप के सबसे करीब हैं, उन्होंने न सिर्फ राष्ट्रपति के व्यक्तित्व पर टिप्पणी की, बल्कि प्रशासन के अंदरूनी मामलों और अन्य उच्चाधिकारियों पर भी खुलकर बात की. वाइल्स ने उपराष्ट्रपति जेड.डी. वेंस को "एक साजिश सिद्धांतकार (conspiracy theorist)" बताया. वेंस ने इस टिप्पणी को मजाक में लेते हुए स्वीकार किया और कहा कि वह केवल उन्हीं 'साजिश सिद्धांतों' में विश्वास करते हैं जो सच हैं.

वाइल्स ने एफबीआई निदेशक काश पटेल की तारीफ की कि उन्होंने एपस्टीन की फाइलों के महत्व को समझा. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि पटेल ने इन फाइलों में जो होने की आशंका जताई थी, वह सही नहीं निकला. इतना ही नहीं, वाइल्स ने अटॉर्नी जनरल पाम बोंडी की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने एपस्टीन फाइलों के मुद्दे को सही तरीके से नहीं संभाला.

ये भी पढ़ें:- सभी देश कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हों... सिडनी बीच पर हुई गोलीबारी पर ट्रंप का बयान

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com