जेम्स मैटिस(फाइल फोटो)
वाशिंगटन:
अमेरिका के रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई अफगान और दक्षिण एशिया नीति पर पाकिस्तान के रुख पर अमेरिका नजर रखेगा. इसी के साथ रक्षा मंत्री ने अफगानिस्तान के विकास में भारत की प्रतिबद्धता की भी सराहना की. ट्रंप ने अफगानिस्तान के लिए नई रणनीति की घोषणा करते वक्त पाकिस्तान पर ‘अराजकता के एजेंटों’ को शरण देने तथा काबुल में अमेरिका समर्थित सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले आतंकवादी संगठनों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने का आरोप लगाया था. वहीं पाकिस्तान ने ट्रंप की नई नीति का यह कहते हुए विरोध किया था कि उनके देश ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में जो बलिदान दिया है उसको अनदेखा किया गया है.
लेकिन मैटिस ने काबुल की यात्रा के दौरान कहा कि नयी रणनीति ‘किसी खास के लिए नहीं है.’ उन्होंने कहा कि यह उन सभी जिम्मेदार देशों के लिए है जो आतंकवाद को रोकना चाहते हैं और निर्दोष लोगों की रक्षा करना चाहते हैं. काबुल जाने से पहले मैटिस भारत की यात्रा पर थे. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने अगस्त में दक्षिण एशिया के लिए जिस राणनीति की घोषणा की थी वह पाकिस्तान के लिए एक अवसर है.
यह भी पढ़ें : पाकिस्तान को चीन और रूस के करीब ला सकती है अमेरिका की नई अफगान नीति: रिपोर्ट
पेंटागन के बयान के अनुसार, मैटिस ने काबुल में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मैं राष्ट्रपति गनी के साथ 100 फीसदी सहमत हूं कि यह दक्षिण एशिया रणनीति और यह प्रतिबद्धता पाकिस्तान के लिए आतंकवाद विरोधी अभियान में शामिल होने का एक मौका है.’ मैटिस ने कहा कि अमेरिका ‘देखेगा’ की पाकिस्तान क्या चुनता है. गनी ने मैटिस के विचारों से सहमति जताई. यह पहली बार है अमेरिका आतंकवादी संगठनों को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराने का प्रयास कर रहा है.
VIDEO : मोदी की यात्रा से और मजबूत हुए भारत-अमेरिकी संबंध
ट्रंप की नीति में युद्ध प्रभावित इस देश में भारत के लिए बड़ी विकासात्मक भूमिका की मांग की है. नाटो सचिव जनरल जेन्स स्टोलटनबर्ग ने मैटिस और गनी के विचारों से सहमति जताई और कहा कि यह एक क्षेत्रीय प्रस्ताव है जो पाकिस्तान और भारत दोनों को शामिल करता है. मैटिस ने कहा कि अफगानिस्तान के विकास में भारत का सहयोग ‘‘बहुत, बहुत उदार’ रहा है. उन्होंने कहा कि भारत, अफगानिस्तान के लोगों की और अधिक मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है.
(इनपुट भाषा से)
लेकिन मैटिस ने काबुल की यात्रा के दौरान कहा कि नयी रणनीति ‘किसी खास के लिए नहीं है.’ उन्होंने कहा कि यह उन सभी जिम्मेदार देशों के लिए है जो आतंकवाद को रोकना चाहते हैं और निर्दोष लोगों की रक्षा करना चाहते हैं. काबुल जाने से पहले मैटिस भारत की यात्रा पर थे. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने अगस्त में दक्षिण एशिया के लिए जिस राणनीति की घोषणा की थी वह पाकिस्तान के लिए एक अवसर है.
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पेंटागन के बयान के अनुसार, मैटिस ने काबुल में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मैं राष्ट्रपति गनी के साथ 100 फीसदी सहमत हूं कि यह दक्षिण एशिया रणनीति और यह प्रतिबद्धता पाकिस्तान के लिए आतंकवाद विरोधी अभियान में शामिल होने का एक मौका है.’ मैटिस ने कहा कि अमेरिका ‘देखेगा’ की पाकिस्तान क्या चुनता है. गनी ने मैटिस के विचारों से सहमति जताई. यह पहली बार है अमेरिका आतंकवादी संगठनों को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराने का प्रयास कर रहा है.
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ट्रंप की नीति में युद्ध प्रभावित इस देश में भारत के लिए बड़ी विकासात्मक भूमिका की मांग की है. नाटो सचिव जनरल जेन्स स्टोलटनबर्ग ने मैटिस और गनी के विचारों से सहमति जताई और कहा कि यह एक क्षेत्रीय प्रस्ताव है जो पाकिस्तान और भारत दोनों को शामिल करता है. मैटिस ने कहा कि अफगानिस्तान के विकास में भारत का सहयोग ‘‘बहुत, बहुत उदार’ रहा है. उन्होंने कहा कि भारत, अफगानिस्तान के लोगों की और अधिक मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है.
(इनपुट भाषा से)
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