सलमान खुर्शीद का फाइल फोटो
न्यूयॉर्क:
रक्षा के क्षेत्र में अमेरिका के साथ संयुक्त विकास और उत्पादन पर सहमति जताने के मामले पर भारत ने कहा है कि अमेरिका के साथ अपनी तरह की यह पहली पहल दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सामरिक साझेदारी को और मजबूत करेगी, लेकिन ये रक्षा संबंध पारंपरिक मित्र रूस की कीमत पर नहीं है।
विदेशमंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि हालांकि भारत और अमेरिका के बीच कई क्षेत्रों में सहयोगात्मक संबंध हैं, लेकिन रक्षा सहयोग निचले स्तर पर रहा हैं तथा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच बैठक के बाद जारी रक्षा घोषणा पत्र से इसमें सुधार होगा।
उन्होंने दोनों देशों के बीच रक्षा उपकरणों के संयुक्त विकास एवं निर्माण के संबंध में लिए गए निर्णय के बारे में कहा, मुझे लगता है कि इससे हमारी सामरिक साझेदारी मजबूत होगी। खुर्शीद सिंह और ओबामा के बीच 27 सितंबर को वाशिंगटन में हुई शिखर बैठक के दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका की सामरिक साझेदारी के कई आयाम हैं।
खुर्शीद ने कहा, परमाणु सहयोग एक बड़ी पहल है। रक्षा सहयोग निचले स्तर पर था, लेकिन अब यह उच्चस्तर पर पहुंच गया है। यह हमारी सामरिक साझेदारी का एक और आयाम है।
विदेशमंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि हालांकि भारत और अमेरिका के बीच कई क्षेत्रों में सहयोगात्मक संबंध हैं, लेकिन रक्षा सहयोग निचले स्तर पर रहा हैं तथा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच बैठक के बाद जारी रक्षा घोषणा पत्र से इसमें सुधार होगा।
उन्होंने दोनों देशों के बीच रक्षा उपकरणों के संयुक्त विकास एवं निर्माण के संबंध में लिए गए निर्णय के बारे में कहा, मुझे लगता है कि इससे हमारी सामरिक साझेदारी मजबूत होगी। खुर्शीद सिंह और ओबामा के बीच 27 सितंबर को वाशिंगटन में हुई शिखर बैठक के दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका की सामरिक साझेदारी के कई आयाम हैं।
खुर्शीद ने कहा, परमाणु सहयोग एक बड़ी पहल है। रक्षा सहयोग निचले स्तर पर था, लेकिन अब यह उच्चस्तर पर पहुंच गया है। यह हमारी सामरिक साझेदारी का एक और आयाम है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं