वाशिंगटन:
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पूर्व उम्मीदवारों के बीच बहस की परंपरा दशकों पुरानी है। इस बहस का पहली बार टेलीजिवन पर राष्ट्रीय प्रासारण 1960 में शुरू हुआ था।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनके रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी मिट्ट रोमनी ने डेनवेर के कोलोराडो में बुधवार की रात पहली बहस में हिस्सा लिया। बहस की मेजबानी वरिष्ठ पीबीएस पत्रकार जिम लेहरर ने की।
अमेरिकी चुनाव में बहस की पुरानी परंपरा है। टीवी पर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों की बहस का राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारण 1960 से पहले नहीं होता था। इससे पहले अब्राहम लिंकन और स्टीफन डगलस के बीच 19वीं सदी के मध्य में हुई बहस सहित कई पूर्ववर्ती राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच हालांकि बहस हुई थी।
आम चुनाव में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच बहस का राष्ट्रीय स्तर पर टेलीविजन प्रसारण पहली बार 26 सितम्बर 1960 को हुआ था। यह बहस जॉन एफ केनेडी और रिचर्ड निक्सन के बीच हुई थी। लेकिन 1964, 1968 और 1972 में आम चुनाव के सिलसिले में बहस नहीं हुई थी।
वर्ष 1976 तक आते-आते राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों की बहस एक चुनावी औपचारिकता बन गई। बिना किसी पार्टी से सम्बद्ध लीग आफ वूमन वोटर्स ने 1976, 1980 और 1984 में राष्ट्रपति पद के लिए बहस का आयोजन किया था।
1988 से दो प्रमुख राजनीतिक दलों ने राष्ट्रपति बहस आयोग (सीपीडी)के माध्यम से राष्ट्रपति पद के लिए बहस आयोजित करने पर नियंत्रण हासिल कर लिया। वर्ष 1992 में सिर्फ एक अपवाद सामने आया था, जब तीसरे पक्ष के उम्मीदवार रॉस पेरोट, जॉर्ज एच.डब्ल्यू. बुश और बिल क्लिंटन के साथ हुई बहस में शामिल हुए थे।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनके रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी मिट्ट रोमनी ने डेनवेर के कोलोराडो में बुधवार की रात पहली बहस में हिस्सा लिया। बहस की मेजबानी वरिष्ठ पीबीएस पत्रकार जिम लेहरर ने की।
अमेरिकी चुनाव में बहस की पुरानी परंपरा है। टीवी पर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों की बहस का राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारण 1960 से पहले नहीं होता था। इससे पहले अब्राहम लिंकन और स्टीफन डगलस के बीच 19वीं सदी के मध्य में हुई बहस सहित कई पूर्ववर्ती राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच हालांकि बहस हुई थी।
आम चुनाव में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच बहस का राष्ट्रीय स्तर पर टेलीविजन प्रसारण पहली बार 26 सितम्बर 1960 को हुआ था। यह बहस जॉन एफ केनेडी और रिचर्ड निक्सन के बीच हुई थी। लेकिन 1964, 1968 और 1972 में आम चुनाव के सिलसिले में बहस नहीं हुई थी।
वर्ष 1976 तक आते-आते राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों की बहस एक चुनावी औपचारिकता बन गई। बिना किसी पार्टी से सम्बद्ध लीग आफ वूमन वोटर्स ने 1976, 1980 और 1984 में राष्ट्रपति पद के लिए बहस का आयोजन किया था।
1988 से दो प्रमुख राजनीतिक दलों ने राष्ट्रपति बहस आयोग (सीपीडी)के माध्यम से राष्ट्रपति पद के लिए बहस आयोजित करने पर नियंत्रण हासिल कर लिया। वर्ष 1992 में सिर्फ एक अपवाद सामने आया था, जब तीसरे पक्ष के उम्मीदवार रॉस पेरोट, जॉर्ज एच.डब्ल्यू. बुश और बिल क्लिंटन के साथ हुई बहस में शामिल हुए थे।
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