
Employee resignation after first salary: सोशल मीडिया पर इन दिनों एक अनोखा मामला चर्चा में है, जहां एक कर्मचारी ने जॉइनिंग के सिर्फ एक महीने बाद और पहली सैलरी मिलने के महज 5 मिनट बाद ही इस्तीफा दे दिया. इस घटना को HR प्रोफेशनल प्रियवर्षिनी एम ने अपने लिंक्डइन पोस्ट में शेयर किया, जो देखते ही देखते वायरल हो गया.
क्या यह सही है? HR ने उठाए सवाल (viral HR LinkedIn post)
प्रियवर्षिनी के मुताबिक, कर्मचारी की सैलरी सुबह 10 बजे अकाउंट में क्रेडिट हुई और ठीक 10:05 बजे उसकी resignation mail आ गई. उनका मानना है कि इस तरह का कदम 'इंटेंट, मैच्योरिटी और अकाउंटेबिलिटी की कमी' को दर्शाता है और यह न सिर्फ कंपनी बल्कि साथ काम करने वाले सहयोगियों के लिए भी गलत संदेश देता है.
उन्होंने सवाल उठाया... (first salary resignation case)
- अगर रुकने का इरादा नहीं था, तो जॉब ली ही क्यों?
- ऑनबोर्डिंग और ट्रेनिंग के समय चुप क्यों रहे?
- क्या यह प्रोफेशनल एथिक्स के खिलाफ नहीं है?
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस (employee salary resign)
यह पोस्ट वायरल होते ही 2,000 से ज्यादा रिएक्शन और 600 से ज्यादा कमेंट्स आ गए. कमेंट सेक्शन मानो एक डिबेट का मंच बन गया. एक यूजर ने लिखा, व्यक्ति गलत नहीं है, लेकिन HR को ऐसे मुद्दे पब्लिक में नहीं लाने चाहिए. दूसरे ने तंज कसा, शायद उन्हें पहले ही अंदाजा हो गया कि यहां का माहौल उनके लिए सही नहीं है. भरोसा दोनों तरफ होना जरूरी है. वहीं, तीसरे ने कहा, कई बार जॉइन करने के बाद ही पता चलता है कि कल्चर या रोल मैच नहीं कर रहा. अचानक इस्तीफा देना बुरा है, लेकिन यह मानसिक स्वास्थ्य और करियर बचाने का तरीका भी हो सकता है.
कॉरपोरेट और कर्मचारी- भरोसा किसका? (pehli salary ke baad resignation)
यह बहस एक बड़ी सच्चाई पर भी रोशनी डालती है. जहां कंपनियां भी अचानक छंटनी कर देती हैं, वहीं कर्मचारी भी अपने हित में जल्दी फैसले लेते हैं. प्रोफेशनल एथिक्स तभी मायने रखते हैं जब ईमानदारी और सम्मान दोनों तरफ से बरकरार रहें.
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