अयलान कुर्दी का शव समुद्र तट के पास रेत में पाया गया
इस्तांबुल, तुर्की:
बुधवार को तुर्की के समुद्र तट पर मिले तीन साल के मासूम बच्चे के शव की तस्वीरों ने लोगों में एक तरह का डर पैदा कर दिया है। इस तस्वीर ने एक बार फिर से यूरोप में बढ़ रहे शरणार्थी संकट की तरफ लोगों का ध्यान खींचा है।
इस मासूम बच्चे का शव तुर्की के मुख़्य टूरिस्ट रिज़ॉर्ट के पास समुद्र तट पर औंधे मुंह रेत पर पड़ा हुआ मिला था। ये सीरियाई बच्चा अपने माता-पिता के साथ एक नाव पर सवार होकर यूरोप जा रहा था जब इनकी नाव समुद्र में पलट गई। ये सभी लोग अपनी जान खतरे में डालकर यूरोप में शरण लेने की कोशिश में लगे थे।
इस बच्चे की पहचान तीन साल के अयलान कुर्दी के रुप में हुई थी। अयलान लाल रंग की टी-शर्ट और ब्लू शॉर्ट पहने हुए था। अलयान उन 12 सीरियाई नागरिकों में से एक था जो एक नाव में बैठकर ग्रीस जाने की कोशिश कर रहे थे।
बीबीसी न्यूज़ (वर्ल्ड) द्वारा किए गए एक ट्वीट के मुताबिक डूबकर मारे गए सीरियाई बच्चे के पिता अब्दुल्ला कुर्दी ने कहा, "मैंने अपने बच्चों और पत्नी को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन कोई उम्मीद नहीं थी... एक के बाद एक वे मर गए... मेरे बच्चे सबसे खूबसूरत बच्चे थे..."
उदास करने वाली तस्वीर
अयलान की उदास तस्वीर बिजली की गति से सोशल मीडिया के ज़रिए स्पेन से स्वीडन तक फैल गई और अख़बार की सुर्खियों में शामिल हो गई। इसके साथ ही समालोचकों ने एक सुर में इस स्थिति की विवेचना युद्ध और संघर्ष के दौरान मध्य पूर्व और अफ्रीका के उन लोगों के हालातों से की है जो वहां से भागकर दूसरे देश में शरण लेना चाहते हैं।
ट्ववीटर पर तुर्क हैशटैग #KiyiyaVuranInsanlik यानि 'मानवता का नाश' के शीर्षक से ये तस्वीर ट्रेंड करती रही।
ब्रिटिश अखबार 'डेली मेल' ने इसे मानवीय आपदा का मासूम शिकार कहा तो, इटली के अखबार 'ला-रिपब्लिका' ने लिखा, 'दुनिया को खामोश करती एक उदास तस्वीर'।
ब्रिटिश अखबार इंडिपेन्डेंट ने अपनी टिप्पणी में कहा, 'अगर ऐसी सशक्त तस्वीरों के बाद भी ब्रिटेन का शरणार्थी के प्रति रवैया नहीं बदलेगा तो फिर किस चीज़ से हालात बदलेंगे।'
इस साल अब तक साढ़े तीन लाख से भी ज़्यादा लोग उत्तरी अफ्रीका से यूरोप तक की खतरनाक यात्रा कर चुके हैं, इनमें से कई लोग वैसे हैं जिन्हें युद्दग्रस्त लीबिया से मानव तस्करी कर यूरोप लगाया गया है। इनमें से तकरीबन 3000 लोगों बुधवार को समुद्र तट के पास से बचाया गया है।
इस मासूम बच्चे का शव तुर्की के मुख़्य टूरिस्ट रिज़ॉर्ट के पास समुद्र तट पर औंधे मुंह रेत पर पड़ा हुआ मिला था। ये सीरियाई बच्चा अपने माता-पिता के साथ एक नाव पर सवार होकर यूरोप जा रहा था जब इनकी नाव समुद्र में पलट गई। ये सभी लोग अपनी जान खतरे में डालकर यूरोप में शरण लेने की कोशिश में लगे थे।
इस बच्चे की पहचान तीन साल के अयलान कुर्दी के रुप में हुई थी। अयलान लाल रंग की टी-शर्ट और ब्लू शॉर्ट पहने हुए था। अलयान उन 12 सीरियाई नागरिकों में से एक था जो एक नाव में बैठकर ग्रीस जाने की कोशिश कर रहे थे।
बीबीसी न्यूज़ (वर्ल्ड) द्वारा किए गए एक ट्वीट के मुताबिक डूबकर मारे गए सीरियाई बच्चे के पिता अब्दुल्ला कुर्दी ने कहा, "मैंने अपने बच्चों और पत्नी को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन कोई उम्मीद नहीं थी... एक के बाद एक वे मर गए... मेरे बच्चे सबसे खूबसूरत बच्चे थे..."
उदास करने वाली तस्वीर
अयलान की उदास तस्वीर बिजली की गति से सोशल मीडिया के ज़रिए स्पेन से स्वीडन तक फैल गई और अख़बार की सुर्खियों में शामिल हो गई। इसके साथ ही समालोचकों ने एक सुर में इस स्थिति की विवेचना युद्ध और संघर्ष के दौरान मध्य पूर्व और अफ्रीका के उन लोगों के हालातों से की है जो वहां से भागकर दूसरे देश में शरण लेना चाहते हैं।
ट्ववीटर पर तुर्क हैशटैग #KiyiyaVuranInsanlik यानि 'मानवता का नाश' के शीर्षक से ये तस्वीर ट्रेंड करती रही।
ब्रिटिश अखबार 'डेली मेल' ने इसे मानवीय आपदा का मासूम शिकार कहा तो, इटली के अखबार 'ला-रिपब्लिका' ने लिखा, 'दुनिया को खामोश करती एक उदास तस्वीर'।
ब्रिटिश अखबार इंडिपेन्डेंट ने अपनी टिप्पणी में कहा, 'अगर ऐसी सशक्त तस्वीरों के बाद भी ब्रिटेन का शरणार्थी के प्रति रवैया नहीं बदलेगा तो फिर किस चीज़ से हालात बदलेंगे।'
इस साल अब तक साढ़े तीन लाख से भी ज़्यादा लोग उत्तरी अफ्रीका से यूरोप तक की खतरनाक यात्रा कर चुके हैं, इनमें से कई लोग वैसे हैं जिन्हें युद्दग्रस्त लीबिया से मानव तस्करी कर यूरोप लगाया गया है। इनमें से तकरीबन 3000 लोगों बुधवार को समुद्र तट के पास से बचाया गया है।