इटली के नेशनल हेल्थ इंस्टीट्यूट ने अपने अध्ययन में यह पाया है कि उत्तरी इटली के दो बड़े शहरों में दिसंबर के महीने में ही कोरोनावायरस पहले से मौजूद था. यानी देश में कोरोना का पहला मामला सामने आने के लगभग दो महीने पहले. शोधकर्ताओं ने Sars-CoV-2 के जेनेटिक ट्रेस खोजे हैं. पिछले साल दिसंबर में यह मिलान और ट्यूरिन शहरों के अपशिष्ट जल के सैंपल में पाए गए हैं. जनवरी में बोलोग्ना में भी अपशिष्ट जल के सैंपल में ऐसा पाया गया.
बता दें कि इटली में कोरोना का पहला मामला फरवरी महीने के मध्य में सामने आया था. इन नतीजों से "इटली में कोरोना के सर्कुलेशन को समझने में मदद मिलती है." इटली यूरोप का पहला देश था जो कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था. साथ ही यहां दुनिया में सबसे पहले लॉकडाउन लगाया गया था. फरवरी में लॉकडाउन लगाने की शुरुआत की गई और मार्च आते-आते पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया गया.इटली में कोरोना से 34,500 मौतें दर्ज की गई.
18 दिसंबर, 2019 को मिलान और ट्यूरिन में और 29 जनवरी, 2020 को बोलोग्ना में लिए गए सैंपल में SARS-CoV-2 की मौजदूगी देखी गई. इसने हाल ही में किए गए एक स्पेनिश अध्ययन की ओर भी इशारा किया, जिसमें पहले मामले के सामने आने के 40 दिन पहले बार्सिलोना में मध्य जनवरी में अपशिष्ट जल के सैंपल में जैनेटिक ट्रेस पाए गए थे. महामारी की शुरुआत के बाद से, दुनिया भर के शोधकर्ता अपशिष्ट जल और सीवेज के माध्यम से कोरोनोवायरस के प्रसार का पता लगा रहे हैं.
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