रजवाड़े तो खत्म हो गए, लेकिन कई राजपरिवार अब भी अपनी परम्पराओं से वैसे ही जुड़े हुए हैं जैसे वो आज भी आज़ादी के पहले के दौर में रह रहे हों। मैसूर देश के शक्तिशाली राजघरानों में से एक रहा है। 23 साल के यदुवीर गोपाल राज उर्स को वोडेयार शाही परिवार की कमान देने का फैसला रानी प्रमोदा देवी ने किया है, जिनके पति श्रीकंत दत्ता नरसिम्हा राजा वोडेयार का निधन 2013 में हुआ था।
फिलहाल मैसूर के अम्बा विलास पैलेस में एक निजी धार्मिक कार्यक्रम के बाद रानी प्रमोद देवी ने यदुवीर गोपाल राज उर्स के उत्तराधिकारी होने का ऐलान किया और इसके साथ ही उनका नाम बदलकर यदुवीर कृष्णदात्ता चामराज वोडेयार हो गया।
यदुवीर फिलहाल अमेरिका के बोस्टन में अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री की पढ़ाई कर रहे हैं। यदुवीर ने ताजपोशी की रवायत शरू होने पर कहा कि उन्हें अपनी ज़िम्मेदारियों का अहसास है। वो मैसूर के विकास पर ध्यान देंगे और इस साल अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद शाही रीति रिवाजों को सीखेंगे।
वोडेयार वन्श के उत्तराधिकारी के तौर पर यदुवीर को एक लंबी कानूनी लड़ाई को आगे बढ़ाना होगा जो राज परिवार अपनी संपत्ति की वापसी के लिए लड़ रहा है।
साथ-साथ दुनियाभर में मशहूर मैसूर दशहरा के शाही अंदाज़ को बनाए रखने की ज़िम्मेदारी भी यदुवीर पर ही होगी। यदुवीर कानूनी और मैसूर राज महल के रीति रिवाजों के मुताबिक 8 मई से वोडेयार राज वंश के वारिस होंगे।
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