अमेरिका में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 82,404 पहुंच गई है. यह आंकड़ा अमेरिकी समय के मुताबिक गुरुवार शाम छह बजे तक का है. आंकड़ा जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सिस्टम साइंट एंड इंजीनियरिंग ने जारी है. रिपोर्ट् के मुताबिक अमेरिका ने कोरोनावायरस के मालमों में चीन को भी पीछे छोड़ दिया है और अब सबसे ज्यादा मरीज अमेरिका में हैं. विश्वभर में हर पांच घंटे से भी कम समय में 10 हजार केस सामने आ रहे हैं. न्यूयार्क में 37,802 केस सामने आए हैं, इसके बाद यह शहर कोरोना वायरस का केंद्र बिंदू बन गया है. न्यू जर्सी में 6,876 और कैलिफोर्निया में 3,802 केस दर्ज किए गए हैं. बता दें, पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के 526,044 के मामले सामने आ चुके हैं, जबकि इससे 23,709 मौत हो चुकी है.
अमेरिका में कोरोना वायरस की वजह से अभी तक 1178 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि न्यूयार्क में 281 और किंग काउंटी में 100 लोगों का उपचार हो चुका है. जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के मुताबिक चीन में गुरुवार शाम 6 बजे तक 82,034 मामले सामने आए थे.
अमेरिका में घातक कोरोना वायरस के मामलों की संख्या लगातार बढ़ते जाने के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस वैश्विक महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क समेत कई राज्यों के लिए जन स्वास्थ्य पर आपदा संबंधी बड़ी घोषणाओं को मंजूरी दी है. राष्ट्रीय आपातकाल घोषित करने के साथ ही राष्ट्रपति ने न्यूयॉर्क, कैलिफोर्निया, वाशिंगटन, आयोवा, लुइसियाना, नॉर्थ कैरोलिना, टेक्सास और फ्लोरिडा के लिए प्रमुख आपदा घोषणाओं को मंजूरी दी है. हाल के इतिहास में संभवत: यह पहली बार है जब छह से अधिक राज्यों में जन स्वास्थ्य पर प्रमुख आपदा घोषणाओं को मंजूरी दी गई है. न्यूयॉर्क शहर में हालात बदतर होते जा रहे हैं. यह शहर देश में कोविड-19 का केंद्र बन चुका है.
अमेरिका में कोरोना वायरस से पहली मौत का मामला वाशिंगटन से सामने आया है. वहां संक्रमित लोगों की संख्या 2,588 है और 130 लोग जान गंवा चुके हैं. ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा कि वह न्यूयॉर्क शहर को इस चुनौती से बाहर निकालने के लिए अपनी शक्ति के तहत हरसंभव कोशिश कर रहे हैं. राष्ट्रपति ने कहा कि उनका प्रशासन देश भर में बड़े पैमाने पर कोविड-19 की जांच कर रहा है. 10 करोड़ से अधिक अमेरिकी बंद जैसे हालात में रह रहे हैं जिसका देश की अर्थव्यवस्था पर विध्वंसकारी असर पड़ रहा है. अमेरिका में सीनेट नेताओं और व्हाइट हाउस के बीच बुधवार को अर्थव्यवस्था को 2,000 अरब डालर का प्रोत्साहन पैकेज दिये जाने के प्रावधान वाले विधेयक पर सहमति बन गई.
इस पैकेज के जरिए अमेरिकियों के हाथ में सीधे नकदी पहुंचाई जायेगी, छोटे कारोबारियों को अनुदान मिलेगा और बड़ी कंपनियों को अरबों डॉलर का कर्ज उपलब्ध कराया जायेगा. इसके साथ ही बेरोजगार लाभों का भी विस्तार किया जायेगा.
इस बीच, अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए विदेशों में अमेरिकी सेना और सिविल रक्षा कर्मचारियों की गतिविधि पर 60 दिन की रोक लगाने का आदेश दिया है. इस कदम से करीब 90,000 अमेरिकी सेवा सदस्यों की तैनाती या पुन: तैनाती अगले दो महीनों के लिए रुक जाएगी. पेंटागन ने बुधवार को एक बयान में कहा, ‘‘यह कदम अमेरिकी कर्मियों की रक्षा करने और हमारे वैश्विक बल की संचालनात्मक तत्परता की रक्षा करने के वास्ते कोरोना वायरस बीमारी को फैलने से रोकने में मदद के लिए उठाया गया है.''
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