पाकिस्तानी सेना के प्रमुख राहील शरीफ की फाइल फोटो
इस्लामाबाद:
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता की ओर से हाल ही में किए गए ट्वीट तथा बयानों से इस बात के संकेत मिले हैं कि सैन्य और असैन्य नेतृत्व के बीच तनाव है।
समाचार पत्र 'न्यूज इंटरनेशनल' ने कहा, 'सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल आसिफ सलीम बाजवा के ट्वीट और बयानों से उस वक्त सैन्य-असैन्य नेतृत्व में तनाव की स्थिति सामने आई है, जब देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोनों पक्षों के बीच सर्वश्रेष्ठ समन्वय और एकजुटता की उम्मीद करता है।'
उसका कहना है कि असैन्य सरकार ने शायद सैन्य प्रतिष्ठान की उम्मीदों के हिसाब से काम नहीं किया हो, लेकिन 'मतभेदों को इस तरह से सार्वजनिक करने से आतंकवाद एवं चरमपंथ के खिलाफ प्रभावी लड़ाई के मकसद को कोई फायदा नहीं होगा।' दैनिक का कहना है कि दोनों पक्षों को 'बंद दरवाजे के भीतर ऐसे मामलों पर चर्चा करनी चाहिए।'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
समाचार पत्र 'न्यूज इंटरनेशनल' ने कहा, 'सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल आसिफ सलीम बाजवा के ट्वीट और बयानों से उस वक्त सैन्य-असैन्य नेतृत्व में तनाव की स्थिति सामने आई है, जब देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोनों पक्षों के बीच सर्वश्रेष्ठ समन्वय और एकजुटता की उम्मीद करता है।'
उसका कहना है कि असैन्य सरकार ने शायद सैन्य प्रतिष्ठान की उम्मीदों के हिसाब से काम नहीं किया हो, लेकिन 'मतभेदों को इस तरह से सार्वजनिक करने से आतंकवाद एवं चरमपंथ के खिलाफ प्रभावी लड़ाई के मकसद को कोई फायदा नहीं होगा।' दैनिक का कहना है कि दोनों पक्षों को 'बंद दरवाजे के भीतर ऐसे मामलों पर चर्चा करनी चाहिए।'
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