नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने शुक्रवार को निर्णय लिया कि प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड' के बीच चल रही खींचतान का अंत करने के लिए शनिवार को अहम बैठक की जाएगी. पार्टी द्वारा स्थायी समिति की बैठक को पांचवीं बार रविवार तक के लिए स्थगित करने के कुछ घंटों बाद ही नौ सदस्यीय केंद्रीय सचिवालय की बैठक करने का निर्णय लिया गया. ओली और नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के कार्यकारी अध्यक्ष प्रचंड की अगुवाई वाले असंतुष्ट गुट को बातचीत के लिए और समय देने के वास्ते यह निर्णय लिया गया. प्रधानमंत्री के प्रेस सचिव सूर्य थापा के अनुसार, रविवार को होने वाली 45 सदस्यीय स्थायी समिति की बैठक से पहले दोनों नेताओं की सहमति से एनसीपी ने सचिवालय की बैठक बुलाई है. पहले हुई बैठकों में ओली ने प्रचंड की अगुवाई वाले खेमे की मांग पर इस्तीफा देने या एनसीपी का अध्यक्ष पद छोड़ने से इनकार कर दिया था.
स्थायी समिति के सदस्य गणेश शाह ने पीटीआई-भाषा से कहा कि पार्टी ने भी अपनी 441 सदस्यीय केंद्रीय कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक करने का निर्णय लिया है.उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के भविष्य पर अगले सप्ताह होने वाली सीडब्ल्यूसी की बैठक में निर्णय लिया जाएगा.उन्होंने कहा कि प्रचंड की अगुवाई वाले असंतुष्ट खेमे द्वारा ‘एक व्यक्ति एक पद' की नीति को पार्टी में लागू करने की मांग पर निर्णय लेने का अधिकार सीडब्ल्यूसी को है.
शाह ने कहा कि रविवार को स्थायी समिति की बैठक में सीडब्ल्यूसी की बैठक की तारीख की घोषणा की जा सकती है जिसमें प्रधानमंत्री ओली के भविष्य पर अंतिम फैसला लिया जाएगा. शुक्रवार को दोनों नेताओं ने मतभेद सुलझाने के लिए अनौपचारिक बातचीत की.
स्थायी समिति की शुक्रवार को होने वाली बैठक में प्रधानमंत्री ओली के भविष्य पर निर्णय लिया जाना था. पार्टी के भीतर कलह का अंत करने के लिए पार्टी अध्यक्ष ओली, प्रचंड और पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर एक अनौपचारिक बैठक की थी. पार्टी के सूत्रों ने बताया कि हाल के कुछ हफ्तों में ओली और प्रचंड के बीच कम से कम आठ बार बैठक हुई. प्रधानमंत्री को ‘एक व्यक्ति एक पद' की शर्त स्वीकार नहीं थी इसलिए बातचीत विफल रही.
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