वाशिंगटन:
भारत पर अफगानिस्तान के माध्यम से पाकिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाने के बाद उत्पन्न विवादों के बीच रिपब्लिकन पार्टी के पूर्व सीनेटर चक हैगल ने बुधवार को अमेरिका के नए रक्षामंत्री के तौर पर पद की शपथ ली।
वियतनाम युद्ध के अनुभवी 66 वर्षीय हैगल की रक्षामंत्री के तौर पर नियुक्ति को सीनेट ने लंबी बहस के बाद कल मंजूरी दे दी।
सीनेटर्स ने 58-41 से हैगल को रक्षा मंत्री बनाने की मंजूरी दी। इसके साथ राष्ट्रपति ओबामा के पहली पसंद रहे हैगल लिओन पेनेटा का स्थान लेंगे।
प्रशासन एवं प्रबंधन निदेशक माइकल एल रोडस ने एक साधारण समारोह में हैगल को पद की शपथ दिलाई। समारोह में हैगल के परिजन और विभाग के कर्मचारी मौजूद थे।
हैगल के नाम को मंजूरी मिलने से ओबामा प्रशासन को काफी राहत मिली है। हैगल का नामांकन लंबे समय से लटका हुआ था और डेमोक्रेटिक पार्टी तथा व्हाइट हाउस को सभी को इनके नाम पर सहमत करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी।
ऐसा माना जा रहा है कि हैगल के पिछले बयानों और मतदान पर नाराजगी के बावजूद कई रिपब्लिकन सीनेटर्स ने उनके पक्ष में मतदान किया। रिपब्लिकन पार्टी का आरोप था कि हैगल इस्राइल के मामले में कुछ ज्यादा ही कटु हैं, जबकि ईरान के साथ उनका रुख समझौता करने वाला है।
रिपब्लिकन नाटो पर हैगल के विचारों से भी काफी नाराज है। हैगल ने अपने भाषण में अमेरिकी नेतृत्व वाली नाटो सेना की उपयोगिता और औचित्य पर सवाल खड़े किए थे।
हैगल के नाम को मंजूरी मिलने पर राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि हैगल ऐसे रक्षा मंत्री हैं जिसकी अमेरिका को जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘द्विदलीय मंजूरी के बाद चक हैगल हमारे नए रक्षा मंत्री हैं, हमें ऐसा मंत्री मिला है जिसकी देश को जरूरत है और एक ऐसा नेता जैसा हमारी सेना को चाहिए।’’
बयान में ओबामा ने कहा कि वह अफगानिस्तान में युद्ध को समाप्त करने, सैनिकों को वापस लाने, समय-समय पर पैदा होने वाले खतरों से निपटने और सेना को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सेना बनाए रखने के मामले में हैगल के फैसलों पर विश्वास करते हैं।
हैगल को रक्षामंत्री बनाए जाने की मंजूरी मिलने से एक दिन पहले ही भारत के संबंध में उनके एक विवादित बयान का वीडियो इंटरनेट पर आया था।
अफगानिस्तान में भारत की भूमिका के संबंध में ओबामा प्रशासन के विचार के विपरीत हैगल ने अपने इस भाषण में आरोप लगाया था कि भारत वर्षों से पाकिस्तान के लिए समस्याएं खड़ी करने के लिए अफगानिस्तान का इस्तेमाल कर रहा है।
ओक्लाहोमा कैमरून यूनिवर्सिटी में वर्ष 2011 में दिए गए इस भाषण का (जो कभी बाहर नहीं आया) वीडियो ‘वाशिंगटन फ्री बेकन्स’ ने अपलोड किया है। भारत ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि ऐसी टिप्पणियां अफगानिस्तान के कल्याण के लिए उसकी प्रतिबद्धता की ‘सच्चाई के विपरीत’ हैं।
हैगल ने उस भाषण में कहा, ‘‘कुछ वक्त से भारत ने अफगानिस्तान को हमेशा युद्ध के दूसरे मोर्चे (पाकिस्तान के साथ युद्ध का दूसरा मोर्चा) के रूप में इस्तेमाल किया है और भारत वषरें से पाकिस्तान की सीमा (अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा) पर उत्पन्न समस्याओं का वित्त पोषण कर रहा है।’’
टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यहां भारतीय दूतावास ने कहा, ‘‘लंबे समय से भारत के मित्र और भारत-अमेरिका के निकट संबंधों की सिफारिश करने वाले सीनेटर हैगल की यह टिप्पणियां अफगानिस्तान के लोगों के कल्याण के लिए भारत की प्रतिबद्धता की सच्चाई के बिल्कुल विपरीत हैं।’’
भारतीय दूतावास ने कहा कि शांतिपूर्ण, स्थाई और समृद्ध अफगानिस्तान के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दृढ़ है और यह अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था के विकास तथा ढाचागत सुविधाओं के विकास में हमारी मदद से साफ झलकता है। दूतावास ने कहा, ‘‘आतंकवाद और हमारे पड़ोस में उसके सुरक्षित पनाहगाहों पर हमारा विरोध दृढ़ और अचल है।’’
भारत पर अफगानिस्तान के माध्यम से पाकिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाने के बाद उत्पन्न विवादों के बीच रिपब्लिकन पार्टी के पूर्व सीनेटर चक हैगल ने बुधवार को अमेरिका के नए रक्षामंत्री के तौर पर पद की शपथ ली।
वियतनाम युद्ध के अनुभवी 66 वर्षीय हैगल की रक्षामंत्री के तौर पर नियुक्ति को सीनेट ने लंबी बहस के बाद कल मंजूरी दे दी।
सीनेटर्स ने 58-41 से हैगल को रक्षा मंत्री बनाने की मंजूरी दी। इसके साथ राष्ट्रपति ओबामा के पहली पसंद रहे हैगल लिओन पेनेटा का स्थान लेंगे।
प्रशासन एवं प्रबंधन निदेशक माइकल एल रोडस ने एक साधारण समारोह में हैगल को पद की शपथ दिलाई। समारोह में हैगल के परिजन और विभाग के कर्मचारी मौजूद थे।
हैगल के नाम को मंजूरी मिलने से ओबामा प्रशासन को काफी राहत मिली है। हैगल का नामांकन लंबे समय से लटका हुआ था और डेमोक्रेटिक पार्टी तथा व्हाइट हाउस को सभी को इनके नाम पर सहमत करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी।
ऐसा माना जा रहा है कि हैगल के पिछले बयानों और मतदान पर नाराजगी के बावजूद कई रिपब्लिकन सीनेटर्स ने उनके पक्ष में मतदान किया। रिपब्लिकन पार्टी का आरोप था कि हैगल इस्राइल के मामले में कुछ ज्यादा ही कटु हैं, जबकि ईरान के साथ उनका रुख समझौता करने वाला है।
रिपब्लिकन नाटो पर हैगल के विचारों से भी काफी नाराज है। हैगल ने अपने भाषण में अमेरिकी नेतृत्व वाली नाटो सेना की उपयोगिता और औचित्य पर सवाल खड़े किए थे।
हैगल के नाम को मंजूरी मिलने पर राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि हैगल ऐसे रक्षा मंत्री हैं जिसकी अमेरिका को जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘द्विदलीय मंजूरी के बाद चक हैगल हमारे नए रक्षा मंत्री हैं, हमें ऐसा मंत्री मिला है जिसकी देश को जरूरत है और एक ऐसा नेता जैसा हमारी सेना को चाहिए।’’
बयान में ओबामा ने कहा कि वह अफगानिस्तान में युद्ध को समाप्त करने, सैनिकों को वापस लाने, समय-समय पर पैदा होने वाले खतरों से निपटने और सेना को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सेना बनाए रखने के मामले में हैगल के फैसलों पर विश्वास करते हैं।
हैगल को रक्षामंत्री बनाए जाने की मंजूरी मिलने से एक दिन पहले ही भारत के संबंध में उनके एक विवादित बयान का वीडियो इंटरनेट पर आया था।
अफगानिस्तान में भारत की भूमिका के संबंध में ओबामा प्रशासन के विचार के विपरीत हैगल ने अपने इस भाषण में आरोप लगाया था कि भारत वर्षों से पाकिस्तान के लिए समस्याएं खड़ी करने के लिए अफगानिस्तान का इस्तेमाल कर रहा है।
ओक्लाहोमा कैमरून यूनिवर्सिटी में वर्ष 2011 में दिए गए इस भाषण का (जो कभी बाहर नहीं आया) वीडियो ‘वाशिंगटन फ्री बेकन्स’ ने अपलोड किया है। भारत ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि ऐसी टिप्पणियां अफगानिस्तान के कल्याण के लिए उसकी प्रतिबद्धता की ‘सच्चाई के विपरीत’ हैं।
हैगल ने उस भाषण में कहा, ‘‘कुछ वक्त से भारत ने अफगानिस्तान को हमेशा युद्ध के दूसरे मोर्चे (पाकिस्तान के साथ युद्ध का दूसरा मोर्चा) के रूप में इस्तेमाल किया है और भारत वषरें से पाकिस्तान की सीमा (अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा) पर उत्पन्न समस्याओं का वित्त पोषण कर रहा है।’’
टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यहां भारतीय दूतावास ने कहा, ‘‘लंबे समय से भारत के मित्र और भारत-अमेरिका के निकट संबंधों की सिफारिश करने वाले सीनेटर हैगल की यह टिप्पणियां अफगानिस्तान के लोगों के कल्याण के लिए भारत की प्रतिबद्धता की सच्चाई के बिल्कुल विपरीत हैं।’’
भारतीय दूतावास ने कहा कि शांतिपूर्ण, स्थाई और समृद्ध अफगानिस्तान के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दृढ़ है और यह अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था के विकास तथा ढाचागत सुविधाओं के विकास में हमारी मदद से साफ झलकता है। दूतावास ने कहा, ‘‘आतंकवाद और हमारे पड़ोस में उसके सुरक्षित पनाहगाहों पर हमारा विरोध दृढ़ और अचल है।’’
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