चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (फाइल फोटो)
सिंगापुर:
चीन के महत्वाकांक्षी सिल्क रोड परियोजना के ऊपर संकट के बादल छाने लगे हैं. इंडोनेशिया में जहां एक रेल परियोजना अटकी पड़ी है वहीं पाकिस्तान में आर्थिक गालियारे के सामने आतंकवाद का जोखिम है. इससे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की चमकदार आर्थिक नीतिगत छवि को धक्का पहुंच सकता है. शी पिछले कई दशकों में चीन के सबसे मजबूत नेता के तौर पर उभरे हैं. उन्होंने चीन के आर्थिक तथा भू-राजनैतिक हितों के विस्तार के लिए ढांचागत क्षेत्र पर काफी जोर दिया है. चीन को अफ्रीका, एशिया और यूरोप से बंदरगाहों, रेलवे, सड़क एवं औद्योगिक पार्कों के जरिए जोड़ने की ‘वन बेल्ट, वन रोड’ योजना को उन्होंने ही 2013 में शुरू किया था.
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कई विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस परियोजना पर एक हजार अरब डॉलर खर्च होगा. यह परियोजना करीब 65 देशों तक विस्तृत है. परियोजना के आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों, तानाशाही शासन एवं उथल-पुथल वाले लोकतांत्रिक देशों के बीच से गुजरने तथा भ्रष्ट राजनेताओं एवं स्थानीय लोगों के विरोध के कारण संकट का सामना करना पड़ रहा है.
VIDEO : मिलजुल कर काम करेंगे भारत और चीन
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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