चीन की नई चाल, विस्तारवाद में तेजी लाने और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन के लिए लाया भूमि सीमा कानून : रिपोर्ट

भूमि सीमा कानून सिर्फ एक उदाहरण है कि कैसे चीन अपनी विस्तारवादी नीति की आक्रामकता बढ़ाने के लिए घरेलू कानून का इस्तेमाल कर रहा है.

चीन की नई चाल, विस्तारवाद में तेजी लाने और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन के लिए लाया भूमि सीमा कानून : रिपोर्ट

चीन के घरेलू कानूनों से बढ़ी कई देशों की चिंता (फाइल फोटो)

बीजिंग:

चीन ने हाल ही भूमि सीमा कानून (China Land Borders Law) लाया है. चीन के सीमा कानून को लेकर पड़ोसी देशों की चिंता बढ़ना स्वाभाविक है. एक मीडिया रिपोर्ट में चीन द्वारा लाए गए हालिया सीमा कानून का हवाला देते हुए कहा गया है कि चीन घरेलू कानूनों का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन और विस्तारवाद के लिए कर रहा है. इसका उद्देश्य दक्षिणी चीन सागर समेत इस क्षेत्र में अपने दावे को मजबूत करना है.   

एक भू-रणनीतिकार और नौ पुस्तकों के लेखक ब्रह्मा चेलानी ने निक्केई एशिया में लिखा कि भूमि सीमा कानून सिर्फ एक उदाहरण है कि कैसे चीन अपनी विस्तारवादी नीति की आक्रामकता बढ़ाने के लिए घरेलू कानून का इस्तेमाल कर रहा है.

चेलानी ने कहा, "उदाहरण के लिए चीन ने हॉंगकॉंग में लोकतंत्र समर्थक आंदोलन को कुचलने के लिए नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का इस्तेमाल किया. ब्रिटेन के साथ चीन की संयुक्त राष्ट्र-पंजीकृत संधि का उल्लंघन किया." 

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चीन के नए कोस्ट गार्ड कानून के प्रभावी होने के कुछ ही महीने बाद भूमि सीमा कानून लाया गया है. जापान, अमेरिका फिलीपींस और वियतनाम समेत कई देशों ने इस कानून को लेकर चिंता जताई है. यह कानून समुद्री कानून पर यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन का स्पष्ट रूप से उल्लंघन है. 

चेलानी ने एक ओपिनियन पीस में कहा कि जिस तरह कोस्ट गार्ड (तटरक्षक) कानून का उद्देश्य चीन की समुद्री सैन्य गतिविधियों को तेज करना है, उसी तरह भूमि सीमा कानून हिमालय में सैन्य गतिविधियों को बढ़ाएगा. जिस तरह तटरक्षक कानून चीन द्वारा समुद्र में दावा किए जा विवादित जलक्षेत्र में सैन्य ताकत के इस्तेमाल की अनुमति देता है, ठीक उसी प्रकार, भूमि कानून विवादित भूमि पर चीनी दावों का बचाव करने और अपनी गतिविधियों को आगे बढ़ाने में सैन्य ताकत के उपयोग की अनुमति देता है.

चेलानी ने कहा कि सीधे शब्दों में कहें तो चीन ने अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने के लिए घरेलू कानून बनाए हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के माध्यम से हांगकांग की स्वायत्तता पर अंकुश लगाने में कामयाब रहा चीन ताइवान के लोकतंत्र के खिलाफ भी कुछ इसी तरह का कदम उठा सकता है. 

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उन्होंने कहा, "इस तरह के घरेलू काननू लागू करने के पीछे चीन का मकसद गैरकानूनी गतिविधियों को ढकना है. चीन यह दिखाता है कि अंतरराष्ट्रीय कानून शक्तिशाली देशों के खिलाफ कम ताकतवर है. हालांकि, चीन की विस्तारवादी नीति अक्सर अंतरराष्ट्रीय कानून का अक्सर उल्लंघन करती है." 

चेलानी ने कहा कि दक्षिणी चीन सागर में चीन के मानव निर्मित सैन्यीकृत द्वीप और विवादित हिमालयी सीमाक्षेत्रों में सैन्यीकृत गांव के निर्माण की होड़ उदाहरण है कि चीन रणनीतिक रूप से उन अहम इलाकों में अपना नियंत्रण मजबूत कर रहा है, जिन्हें भारत, भूटान और नेपाल अपनी राष्ट्रीय सीमा के अंदर मानते हैं. 

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