नई दिल्ली:
चीन ने एक नए समझौते के तहत सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास को रोकने का प्रस्ताव दिया है, लेकिन भारत द्वारा इसे खारिज किए जाने की संभावना है जो वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बुनियादी ढांचा विकसित करने की प्रक्रिया में जुटा हुआ है।
उच्च पदस्थ सूत्रों ने 'पीटीआई' को बताया, ‘‘चीन ने सीमा रक्षा सहयोग समझौता (बीडीसीए) के तहत यह प्रस्ताव दिया है जिस पर दोनों देशों के बीच वार्ता चल रही है।’’ उन्होंने बताया कि इस प्रस्ताव के तहत चीनी पक्ष ने कहा है कि विवादित क्षेत्र में विकास कार्य पर रोक होनी चाहिए।
सूत्रों ने बताया कि भारत अपने जवाब में इस प्रस्ताव को खारिज करने वाला है। चीन को इस बात से इस महीने के अंत में अवगत कराए जाने की उम्मीद है। दरअसल, भारत एलएसी पर बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का विकास कार्य करने की प्रक्रिया में जुटा हुआ है जबकि चीन का प्रस्ताव इसे रोकने की कोशिश जान पड़ता है।
इस साल के शुरुआत में चीन ने रक्षा सचिव स्तर की वार्ता में बीडीसीए का प्रस्ताव दिया था। इस सीमा समझौता का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सीमा पर गतिरोध को टालना है।
इस समझौते के तहत अन्य प्रस्तावों में विवादित वास्तविक नियंत्रण रेखा पर किसी भी सूरत में एक दूसरे देश के सैनिक पर गोलीबारी नहीं करना शामिल है।
हाल के समय में भारत और चीन ने बीडीसीए पर काफी चर्चा की है लेकिन अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में चीनी सैनिकों की घुसपैठ के बाद इस प्रस्तावित समझौते की गति बढ़ा दी गई।
रक्षामंत्री एके एंटनी की चीन की हालिया यात्रा के दौरान दोनों देश निर्धारित समय से पहले इस समझौते पर वार्ता सम्पन्न करने पर राजी हुए।
चीनी नेताओं के साथ एंटनी की वार्ता में दोनों देश विश्वास बहाली के कई कदम उठाने पर सहमत हुए। भारत और चीन चेंगदु सैन्य क्षेत्र में इस साल अक्तूबर में सैन्य अभ्यास करने पर भी सहमत हुए।
उच्च पदस्थ सूत्रों ने 'पीटीआई' को बताया, ‘‘चीन ने सीमा रक्षा सहयोग समझौता (बीडीसीए) के तहत यह प्रस्ताव दिया है जिस पर दोनों देशों के बीच वार्ता चल रही है।’’ उन्होंने बताया कि इस प्रस्ताव के तहत चीनी पक्ष ने कहा है कि विवादित क्षेत्र में विकास कार्य पर रोक होनी चाहिए।
सूत्रों ने बताया कि भारत अपने जवाब में इस प्रस्ताव को खारिज करने वाला है। चीन को इस बात से इस महीने के अंत में अवगत कराए जाने की उम्मीद है। दरअसल, भारत एलएसी पर बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का विकास कार्य करने की प्रक्रिया में जुटा हुआ है जबकि चीन का प्रस्ताव इसे रोकने की कोशिश जान पड़ता है।
इस साल के शुरुआत में चीन ने रक्षा सचिव स्तर की वार्ता में बीडीसीए का प्रस्ताव दिया था। इस सीमा समझौता का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सीमा पर गतिरोध को टालना है।
इस समझौते के तहत अन्य प्रस्तावों में विवादित वास्तविक नियंत्रण रेखा पर किसी भी सूरत में एक दूसरे देश के सैनिक पर गोलीबारी नहीं करना शामिल है।
हाल के समय में भारत और चीन ने बीडीसीए पर काफी चर्चा की है लेकिन अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में चीनी सैनिकों की घुसपैठ के बाद इस प्रस्तावित समझौते की गति बढ़ा दी गई।
रक्षामंत्री एके एंटनी की चीन की हालिया यात्रा के दौरान दोनों देश निर्धारित समय से पहले इस समझौते पर वार्ता सम्पन्न करने पर राजी हुए।
चीनी नेताओं के साथ एंटनी की वार्ता में दोनों देश विश्वास बहाली के कई कदम उठाने पर सहमत हुए। भारत और चीन चेंगदु सैन्य क्षेत्र में इस साल अक्तूबर में सैन्य अभ्यास करने पर भी सहमत हुए।
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