भारतीय वायुसेना के लद्दाख में अधिक ऊंचाई वाले दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) सेक्टर में सी-130 हर्क्यूलस परिवहन विमान का संचालन करने में सक्षम होने के बीच चीन द्वारा सीमा पर अपनी ओर एक रडार स्टेशन बनाने की खबर है, ताकि उस क्षेत्र में भारतीय विमानों के आने जाने पर नजर रखी जा सके।
आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को कहा कि डीबीओ के उस पार चीनी क्षेत्र में बने निर्माण को उन लोगों ने मौसम स्टेशन बताया है।
इस निर्माण पर नजदीक से नजर रखने वाले भारतीय तकनीकी विशेषज्ञों की राय है कि यह रडार स्टेशन हो सकता है जो पहले वहां मौजूद नहीं था। हालांकि अब तक कोई सिग्नल प्रेषित या प्राप्त नहीं किया गया है।
वायु सेना ने इस साल 20 अगस्त को ऐतिहासिक और आश्चर्यजनक कदम के तौर पर अपने सी-310जे हर्क्यूलस को डीबीओ की सैन्य हवाई पट्टी पर उतारा था। उसके बाद चीन ने इस ढांचे के निर्माण को तेज कर दिया था। यह मामला सीमा बैठकों में उठाया गया, जिनमें चीनी पक्ष ने दावा किया कि यह मौसम संबंधी केन्द्र है।
भारतीय पक्ष ने इस बयान का विरोध किया क्योंकि उस क्षेत्र में कोई असैनिक आबादी नहीं है।
डीबीओ हवाई पट्टी को 43 साल बाद 2008 में चालू किया गया था जब एक एएन-32 परिवहन विमान वहां उतरा।
हालांकि उतरने के बाद परिवहन विमान का उपयोग इस दुर्गम क्षेत्र की सुरक्षा कर रहे सेना और आईटीबीपी के जवानों की खातिर सामग्री गिराने के लिए ही किया गया।
सूत्रों ने कहा कि हक्र्यूलस अब तक इस क्षेत्र में कम से कम सात बार उतर चुका है। यह 20 टन तक भार ढोने में सक्षम है।
इस बीच एक संबंधित घटनाक्रम में वाहनों पर सवार चीनी जवान लद्दाख से उत्तर ट्रेड जंक्शन क्षेत्र में भारतीय भू-भाग में पांच किलोमीटर तक अंदर आ गए। सूत्रों ने कहा कि कोई आमना सामना नहीं हुआ क्योंकि चीनी जवान खुद ही लौट गए।
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