प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को कहा कि रूस और चीन की उनकी यात्रा भारत का संबंध इसके दो महत्वपूर्ण साझीदारों के साथ मजबूत करेगी और स्थिर बाहरी माहौल के बीच भारत के विकास और उन्नति के लिए रणनीतिक अवसर तैयार करेगी।
रूस एवं चीन की पांच-दिवसीय यात्रा के लिए प्रस्थान करने से पहले उन्होंने कहा कि रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के साथ 21 अक्टूबर को वह वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा, यह हमारे विशेष और विशेष सुविधा युक्त कूटनीतिक साझेदारी का महत्वपूर्ण रूप है।
उन्होंने कहा कि रूस के साथ भारत के संबंध की गुंजाइश अद्भुत है जिसमें रक्षा, परमाणु ऊर्जा, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, हाइड्रोकार्बन, व्यापार और निवेश सहित अन्य क्षेत्रों का मजबूत एवं निरंतर सहयोग शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह पुतिन के साथ पश्चिम एशिया और अफगानिस्तान सहित प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मसले पर चर्चा करेंगे।
उन्होंने कहा कि मास्को स्टेट इंस्टीट्यूट आफ इंटरनेशनल रिलेशंस द्वारा उन्हें डॉक्टरेट की दी जाने वाली मानद उपाधि दोनों देश के संबंध का प्रतीक है।
मनमोहन सिंह ने कहा कि चीन में उनकी यात्रा से वहां की नई सरकार से वार्ता जारी रखने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में पिछले नौ सालों में चीन सरकार के साथ दोनों पक्षों ने कूटनीतिक और सहयोगी साझेदारी और द्विपक्षीय संबंधों के लिए सहयोग एवं संवाद की प्रक्रिया पेश की है। उन्होंने कहा, हम साथ-साथ सीमा पर शांति स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण सहमति तक पहुंचे हैं और भारत-चीन सीमा के सवाल को सुलझाने की दिशा में शुरुआती प्रगति हुई है।
मनमोहन सिंह ने कहा कि वह दोनों देशों के एक समान कूटनीतिक हितों को मजबूती देने के तरीके एवं साधन पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की अपनी-अपनी चिताएं है जिस पर मित्रता एवं सहयोग के वातावरण को प्रभावित किए बिना ईमानदारी और परिपक्वता के साथ ध्यान दिया जा रहा है।
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