
चीन का अंतरिक्ष मिशन
बीजिंग:
चीन ने अपने मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान में सोमवार को दो अंतरिक्ष यात्रियों को धरती की परिक्रमा कर रही दूसरी प्रयोगशाला में भेजा. यह दोनों अंतरिक्षयात्री एक माह तक वहीं रहेंगे. चीन का लक्ष्य साल 2022 तक अपना स्थायी अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करना है.
चीनी अंतरिक्षयात्री चिंग हैपेंग (50) और 37 वर्षीय चेन डोंग उत्तरी चीन में गोबी रेगिस्तान के पास जिक्यूआन उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से सुबह साढ़े सात बजे 'शेनझोउ-11' अंतरिक्ष यान से अंतरिक्ष के लिए रवाना हुए थे.
इससे पहले चीन के मानवयुक्त अंतरिक्ष इंजीनियरिंग कार्यालय की उपनिदेशक वु पिंग ने बताया था कि 'लॉन्ग मार्च-2 एफ' वाहक रॉकेट उपग्रह को लेकर जाएगा.
शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने वु पिंग का हवाला देते हुए कहा था कि दो दिन के अंदर यह पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे थियानगोंगे-2 अंतरिक्ष प्रयोगशाला से मिल जाएगा, जिसमें दोनों अंतरिक्षयात्री 30 दिन तक रहेंगे. चीन ने अपना पहला मानवयुक्त अभियान 2003 में शुरू किया था.
वह अमेरिका तथा यूरोप की बराबरी करने की मुहिम के तहत अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम में अरबों की राशि खर्च करता है. भारत एवं अन्य की बराबरी करने के मकसद से 2020 तक चीन की अपने पहले मंगल अभियान शुरू करने की योजना है. चीन ने कहा है कि उसका अंतरिक्ष कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्य के लिए है, लेकिन उसने अपने असैन्य मकसदों के अलावा उपग्रह रोधी मिसाइल का भी परीक्षण किया है.
वु के अनुसार दोनों अंतरिक्षयात्रियों को थियानगोंग-2 अंतरिक्ष प्रयोगशाला में उतारने और इससे खुद को अलग करने के बाद शेनझोउ-11 अंतरिक्षयान एक दिन के अंदर पृथ्वी पर वापस आ जाएगा.
चीनी अंतरिक्षयात्री चिंग हैपेंग (50) और 37 वर्षीय चेन डोंग उत्तरी चीन में गोबी रेगिस्तान के पास जिक्यूआन उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से सुबह साढ़े सात बजे 'शेनझोउ-11' अंतरिक्ष यान से अंतरिक्ष के लिए रवाना हुए थे.
इससे पहले चीन के मानवयुक्त अंतरिक्ष इंजीनियरिंग कार्यालय की उपनिदेशक वु पिंग ने बताया था कि 'लॉन्ग मार्च-2 एफ' वाहक रॉकेट उपग्रह को लेकर जाएगा.
शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने वु पिंग का हवाला देते हुए कहा था कि दो दिन के अंदर यह पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे थियानगोंगे-2 अंतरिक्ष प्रयोगशाला से मिल जाएगा, जिसमें दोनों अंतरिक्षयात्री 30 दिन तक रहेंगे. चीन ने अपना पहला मानवयुक्त अभियान 2003 में शुरू किया था.
वह अमेरिका तथा यूरोप की बराबरी करने की मुहिम के तहत अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम में अरबों की राशि खर्च करता है. भारत एवं अन्य की बराबरी करने के मकसद से 2020 तक चीन की अपने पहले मंगल अभियान शुरू करने की योजना है. चीन ने कहा है कि उसका अंतरिक्ष कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्य के लिए है, लेकिन उसने अपने असैन्य मकसदों के अलावा उपग्रह रोधी मिसाइल का भी परीक्षण किया है.
वु के अनुसार दोनों अंतरिक्षयात्रियों को थियानगोंग-2 अंतरिक्ष प्रयोगशाला में उतारने और इससे खुद को अलग करने के बाद शेनझोउ-11 अंतरिक्षयान एक दिन के अंदर पृथ्वी पर वापस आ जाएगा.
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