उत्तर कोरिया द्वारा छठे परमाणु परीक्षण के बाद चीन ने संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों को लागू कर दिया है
बीजिंग:
उत्तर कोरिया के खिलाफ दुनिया के देश लामबंद होते जा रहे हैं. इसी कड़ी में चीन ने भी उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं. यह कदम कारोबारी दुनिया से जुड़े हैं. चीन ने देश में उत्तर कोरिया की कंपनियों को जनवरी तक अपना बोरिया बिस्तर समेटने के आदेश दिए हैं, क्योंकि प्योंगयांग द्वारा छठे परमाणु परीक्षण के बाद इसने संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों को लागू कर दिया है.
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चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि चीनी कंपनियों के साथ संयुक्त उपक्रम में चल रही कंपनियों सहित उत्तर कोरिया की कंपनियों के पास संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव 11 सितम्बर को पारित होने के दिन से 120 दिनों का वक्त है. चीन द्वारा प्रतिबंधों को लागू करने की पुष्टि करने के बाद यह घोषणा की गई है. इसमें उत्तर कोरिया को रिफाईन पेट्रोलियम उत्पाद निर्यात को सीमित करना और पड़ोसी देश से कपड़ा आयात एक अक्तूबर से बंद करना शामिल है.
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संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों को चीन द्वारा लागू किया जाना उत्तर कोरिया के लिए नुकसानदेह है. बीजिंग प्योंगयांग का मुख्य सहयोगी और व्यापारिक साझीदार है और उत्तर कोरिया अपना 90 फीसदी व्यापार चीन के साथ करता है. अमेरिका चीन पर दबाव बनाता रहा है कि वह अपनी आर्थिक मजबूती का इस्तेमाल कर उत्तर कोरिया की परमाणु महत्वाकांक्षा पर लगाम कसे.
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बता दें कि उत्तर कोरिया और अमेरिका बीच लगभग युद्ध के हालात बने हुए हैं. दोनों देशों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. ऐसे में चीन द्वारा उठाया यह कदम निश्चित ही उत्तर कोरिया के लिए नुकसानदायक साबित होगा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि चीनी कंपनियों के साथ संयुक्त उपक्रम में चल रही कंपनियों सहित उत्तर कोरिया की कंपनियों के पास संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव 11 सितम्बर को पारित होने के दिन से 120 दिनों का वक्त है. चीन द्वारा प्रतिबंधों को लागू करने की पुष्टि करने के बाद यह घोषणा की गई है. इसमें उत्तर कोरिया को रिफाईन पेट्रोलियम उत्पाद निर्यात को सीमित करना और पड़ोसी देश से कपड़ा आयात एक अक्तूबर से बंद करना शामिल है.
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संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों को चीन द्वारा लागू किया जाना उत्तर कोरिया के लिए नुकसानदेह है. बीजिंग प्योंगयांग का मुख्य सहयोगी और व्यापारिक साझीदार है और उत्तर कोरिया अपना 90 फीसदी व्यापार चीन के साथ करता है. अमेरिका चीन पर दबाव बनाता रहा है कि वह अपनी आर्थिक मजबूती का इस्तेमाल कर उत्तर कोरिया की परमाणु महत्वाकांक्षा पर लगाम कसे.
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बता दें कि उत्तर कोरिया और अमेरिका बीच लगभग युद्ध के हालात बने हुए हैं. दोनों देशों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. ऐसे में चीन द्वारा उठाया यह कदम निश्चित ही उत्तर कोरिया के लिए नुकसानदायक साबित होगा.
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