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This Article is From Oct 30, 2014

अरुणाचल में भारत द्वारा नई सीमा चौकियां बनाए जाने पर चीन ने जताई चिंता

अरुणाचल में भारत द्वारा नई सीमा चौकियां बनाए जाने पर चीन ने जताई चिंता
बीजिंग:

चीन ने अरुणाचल प्रदेश में 54 नई सीमावर्ती चौकियों का निर्माण करने की भारत की योजना पर आज चिंता जाहिर की और कहा कि भारत को हालात को पेचीदा नहीं बनाना चाहिए और शांति बनाए रखने के लिए अधिक कदम उठाने चाहिए क्योंकि यह 'विवादित क्षेत्र' है।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता यांग युजिन से यहां मीडिया ब्रीफिंग में अरुणाचल प्रदेश की सीमा के साथ साथ 54 नई सीमावर्ती चौकियों के निर्माण की गृह मंत्रालय की घोषित योजना के संबंध में सवाल किया गया था। उन्होंने कहा, 'मैंने रिपोर्टों को देखा है। चीन-भारत की पूर्वी सीमा पर विवाद अभी भी है।'

उन्होंने कहा, 'हम भारतीय पक्ष से अपील करते हैं कि वह क्षेत्र में शांति तथा स्थिरता बनाए रखने के लिए और कदम उठाए और ऐसे काम न करें जो हालात को पेचीदा बनाते हों।'

इस सवाल पर कि चीन, सीमा के आसपास भारत के ढांचागत विकास पर क्यों चिंतित है, जबकि चीन ने अपनी ओर काफी विकास कार्य किए हैं, यांग ने कहा, 'मैं समझता हूं कि जिन सड़कों की आप बात कर रहे हैं वे चीन-भारत के पूर्वी भाग में हैं जो अभी भी विवादित क्षेत्र है।' उन्होंने कहा, 'इस क्षेत्र में विवाद पर चीन की स्थिति स्पष्ट और सतत है।'

चीन अरुणाचल प्रदेश पर दक्षिणी तिब्बत के रूप में दावा करता है।

यांग ने कहा, 'वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति तथा स्थिरता बनाए रखने की दोनों पक्षों के बीच बनी सर्वसम्मति महत्वपूर्ण है।'

भारत सरकार ने पिछले सप्ताह ऐलान किया था कि वह 54 नई सीमावर्ती चौकियों की स्थापना करेगा और अरुणाचल प्रदेश में सीमा के आसपास ढांचागत विकास को बढ़ाने के लिए 175 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा भी की गई थी।

अरुणाचल प्रदेश में सीमावर्ती चौकियों और सड़क नेटवर्क पर यांग की टिप्पणी इस महीने की शुरुआत में चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा जताए गए विचारों के अनुरूप ही है।

इस मुद्दे पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने पूर्व में कहा था कि सीमा के सवाल का अंतिम समाधान लंबित होने तक , हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय पक्ष ऐसी कोई कार्रवाई करने से बचेगा जो सवाल को पेचीदा बनाती हो। यांग ने आज कहा कि इस महीने नई दिल्ली में हुई 'विचार विमर्श तथा समन्वय के लिए कार्यकारी तंत्र (डब्लयूएमसीसी) की बैठक में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हॉटलाइन स्थापित करने और संवाद को बेहतर बनाने जैसे जो समझौते हुए थे वे द्विपक्षीय संबंधों को बेहद महत्वपूर्ण और सकारात्मक बल प्रदान करते हैं और समयबद्ध तरीके से सीमा संबंधी मुद्दों से निपटने में मदद कर सकते हैं।

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