चीन (China) ने रूस (Russia) को G-20 समूह का एक महत्वपूर्ण सदस्य बताया है. इससे पहले अमेरिका (US) ने रूस को इस समूह से बाहर करने की संभावना जताई थी. यूक्रेन पर हमले (Ukraine War) के बाद रूस पहले ही अलग-थलग पड़ गया है. उसकी अर्थव्यवस्था पर पश्चमी देशों के प्रतिबंधों (Western Sanctions) की मार अलग से पड़ रही है. ऐसे में चीन ने रूस को एक तरह से राजनयिक सुरक्षा (Diplomatic Protection) दी है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेंबिन (Wang Wenbin) ने पत्रकारों से कहा कि G-20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है और रूस इसका एक महत्वपूर्ण सदस्य है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी सदस्य को दूसरे देश को इस समूह से निष्कासित करने का अधिकार नहीं है.
फरवरी में शीतकालीन ओलंपिक के लिए बीजिंग यात्रा पर पहुंचे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति ने दोनों ने कहा था कि देशों के संबंधों में "कोई सीमा नहीं" नहीं होगी.
वांग ने यह हालिया टिप्पणी मंगलवार को अमेरिका के शीर्ष सुरक्षा सलाहकार द्वारा एक ब्रीफिंग के बाद की. ब्रीफिंग में अमेरिकी अधिकारी ने संकेत दिया था कि अमेरिका यूक्रेन के मुद्दे पर रूस पर अंतरराष्ट्रीय मंचों से अलग होने का दबाव बनाएगा.
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन (Jake Sullivan) ने कहा था कि G20 के सवाल पर मैं बस यही कहूंगा कि अंतरराष्ट्रीय संस्थानों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ अब रूस हमेशा की तरह व्यापार नहीं कर सकता है.
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