चीन और अमेरिका (US-China Ties) लगातार प्रत्यक्ष रूप से नहीं तो कूटनीतिक तरीके से एक दूसरे पर लगातार हमले कर रहे हैं. चीन ने शुक्रवार को अमेरिका से चेंगदू में उसके वाणिज्य दूतावास (US Chengdu Consulate) को बंद करने को कहा है. चीन की इस कार्रवाई को अमेरिका के उस आदेश के खिलाफ बदले के रूप में देखा जा रहा है, जिसके तहत उसने चीन से अपने टेक्सास राज्य के शहर ह्यूस्टन में वाणिज्य-दूतावास (Chinese Houston Consulate) बंद करने को कहा था. अमेरिका के आदेश के बाद चीन ने इसपर तीखी प्रतिक्रिया दी थी.
चीन ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा कि 'चीनी विदेश मंत्रालय ने चेंगदू में अमेरिकी वाणिज्य-दूतावास के ऑपरेशन को बंद करने को कहा है. मंत्रालय ने कॉन्सुलेट जनरल की ओर से चलाए जा रहे काम-काज और किए जा रहे कार्यक्रमों पर रोक लगाने को लेकर कुछ खास नियमों की जानकारी भी दी है.'
इस बयान नें कहा गया है, '21 जुलाई को अमेरिका ने चीन के खिलाफ एकतरफा विरोधी कदम उठाते हुए अचानक से कहा कि हमें ह्यूस्टन का अपना वाणिज्य-दूतावास बंद करना होगा. अमेरिका का यह कदम अंतरराष्ट्रीय कानूनों, अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सामान्य नियम और चीनी-अमेरिकी वाणिज्य समझौते का उल्लंघन करता है. इससे चीनी-अमेरिकी संबंधों पर गंभीर असर पड़ा है. चीन की ओर से उठाया गया यह कदम अमेरिका के अनुचित कदम के खिलाफ उचित और ज़रूरी प्रतिक्रिया है.'
चीन ने बयान में आगे कहा है, 'वर्तमान में चीनी अमेरिकी संबंध जैसे हैं, हम वैसा नहीं देखना चाहते और इसके लिए अमेरिका जिम्मेदार है. हम एक बार फिर अमेरिका से आग्रह करते हैं कि वो तुरंत अपना यह गलत फैसला वापस ले और दोनों देशों के संबंधों को सामान्य करने के लिए जरूरी स्थिति पैदा करे.'
बता दें कि अमेरिका ने 21 जुलाई को चीन से ह्यूस्टन स्थित उसके वाणिज्य दूतावास को 72 घंटों में बंद करने को कहा था. दरअसल, खबर आई थी कि चीनी वाणिज्य-दूतावास में अंधेरे में दस्तावेज़ जलाए जा रहे थे. फिर पानी डालकर उन्हें बुझाया जा रहा था. स्थानीय पुलिस की जानकारी में जब ये बात आई तो वह वाणिज्य-दूतावास पहुंची लेकिन उसे बिल्डिंग के अंदर नहीं घुसने दिया गया था, जिसपर नाराजगी जताई गई थी.
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