
- सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की भारतीय सेना के बारे में कथित अपमानजनक टिप्पणी पर कड़ी आलोचना की है.
- इसके साथ ही कोर्ट ने लखनऊ की अदालत में राहुल गांधी के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगा दी है.
- राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान चीन के साथ विवाद को लेकर विवादित बयान दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान भारतीय सेना के बारे में कथित अपमानजनक टिप्पणी की आलोचना की है. अदालत ने कहा है, ''अगर आप सच्चे भारतीय हैं, तो ऐसी बात नहीं कहेंगे.'' इसके बाद भी अदालत ने इस मामले में लखनऊ की एक अदालत में गांधी के खिलाफ जारी कार्यवाही पर रोक लगा दी. न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने मामले में उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया. पीठ ने कहा,''आप विपक्ष के नेता हैं. आप संसद में बातें क्यों नहीं कहते हैं, आप सोशल मीडिया पर क्यों कहते हैं?''
दरअसल यह विवाद राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान का है. उन्होंने 16 दिसंबर 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कहा था, ''लोग 'भारत जोड़ो यात्रा' के बारे में पूछेंगे, लेकिन चीन ने 2000 वर्ग किमी भारतीय जमीन कब्जा की है, 20 भारतीय सैनिक मारे गए और हमारे सैनिकों को अरुणाचल में पीटा जा रहा है.''उनके इस बयान पर सेना के बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने लखनऊ की एमपी एमएलए कोर्ट में मानहानि केस दर्ज कराया था.
आइए जानते कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ऐसे ही पांच प्रमुख बयानों के बारे, जिनको लेकर उन्हें तगड़ी आलोचना का सामाना करना पड़ा.
मोदी सरनेम वाले बयान पर गई थी सदस्यता
राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार में कहा था, "सभी चोरों का उपनाम (सरनेम) मोदी क्यों है?" उनके इस बयान के खिलाफ बीजेपी के एक विधायक ने भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत केस दर्ज कराया था. इस मामले में सूरत की एक अदालत ने उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी. इसके बाद से उनकी संसद सदस्यता चली गई थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उनकी संसद की सदस्यता बहाल की गई थी.
सावरकर पर विवादित बोल
राहुल गांधी ने अपनी 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान सावरकर को लेकर एक विवादित बयान दिया था. उन्होंने महाराष्ट्र में सवारकर को अंग्रेजों का नौकर बताते हुए उन्हें अंग्रेजों से पेंशन लेने के आरोप लगाए थे. इस बयान पर नृपेंद्र पांडेय नाम के वकील ने इन पर मुकदमा दर्ज कराया था. इस बयान पर राहुल को अदालत ने फटकार लगाते हुए कहा कि अगर वो इस तरह के बयान देंगे तो वह उनका खुद संज्ञान लेगा.
भारत का 'ब्रोकेन' लोकतंत्र
राहुल गांधी ने 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद अमेरिका के नेशनल प्रेस क्लब में पत्रकारों को संबोधित किया. उन्होंने कहा, ''भारत में लोकतंत्र पिछले 10 सालों से टूटा (ब्रोकेन) हुआ था, अब यह लड़ रहा है.''
लोकतांत्रिक संस्थाओं पर संदेह
राहुल गांधी ने सितंबर 2023 में ब्रसेल्स में यूरोपियन यूनियन में कहा था कि भारत में 'फुल स्केल एसॉल्ट'हो रहा है. उन्होंने भारतीय संस्थाओं की निष्पक्षता पर संदेह जताया था. उन्होंने यह भी कहा था कि भारत में भेदभाव और हिंसा बढ़ रही है.
क्या पीएम मोदी देशभक्त नहीं हैं
ब्रिटेन और जर्मनी की यात्रा के दौरान अगस्त 2018 में राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में कहा कि वे 'देशभक्त नहीं हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि वे जनता के गुस्से का इस्तेमाल देश को नुकसान पहुंचाने में कर रहे हैं.
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