
इज़रायल की सेना ने अंतरराष्ट्रीय समाचार संगठनों रॉयटर्स और एजेंस फ्रांस प्रेस से कहा है कि वह लगभग तीन सप्ताह से इजरायली बमबारी और घेराबंदी के तहत गाजा पट्टी में काम कर रहे उनके पत्रकारों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकती है.
रॉयटर्स के अनुसार गाजा, उग्रवादी समूह हमास द्वारा संचालित एक फिलीस्तीनी क्षेत्र, 7 अक्टूबर से बमबारी की चपेट में है. ऐसा इसलिए क्योंकि हमास के बंदूकधारियों ने 7 अक्टूबर को गाजा सीमा से इज़रायल में घुसकर लगभग 1,400 लोगों को मार डाला था. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इज़रायली हमलों में लगभग 7,000 लोग मारे गए हैं.
इज़रायल रक्षा बलों ने इस हफ्ते रॉयटर्स और एएफपी को पत्र लिखकर आश्वासन मांगा था कि गाजा में उनके पत्रकारों को इज़रायली हमलों का निशाना नहीं बनाया जाएगा.
आईडीएफ के पत्र में कहा गया, "आईडीएफ पूरे गाजा में हमास की सभी सैन्य गतिविधियों को निशाना बना रहा है. लेकिन हमास ने जानबूझकर "पत्रकारों और नागरिकों के आसपास" सैन्य अभियान चलाया है."
आईडीएफ ने यह भी बताया कि हमास के ठिकानों पर उसके उच्च तीव्रता वाले हमलों से आसपास की इमारतों को नुकसान हो सकता है और हमास के रॉकेट मिसफायर भी कर सकते हैं और गाजा के अंदर लोगों को मार सकते हैं.
आईडीएफ पत्र में कहा गया, "इन परिस्थितियों में, हम आपके कर्मचारियों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकते हैं, और आपसे उनकी सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करने का आग्रह करते हैं."
जब हमास से आईडीएफ के इस आरोप के बारे में पूछा गया कि उसने गाजा में पत्रकारों के रहने की जगह के पास सैन्य अभियान चलाया है तो उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की.
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