ब्रिटेन सरकार के एक शीर्ष वैज्ञानिक ने मीडिया में वह खबर आने के बाद इस्तीफा दे दिया है जिसमें खुलासा किया गया गया था कि देश में सख्त लॉकडाउन लागू करने की रणनीति के पीछे रहने वाले इस वैज्ञानिक ने नियम तोड़ते हुए एक महिला को लॉकडाउन के दौरान अपने घर आने दिया. बताया जाता है कि उक्त वैज्ञानिक और महिला के बीच संबंध है. महामारी रोग विज्ञानी प्रोफेसर नील फर्गुसन की रणनीति ने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को देशभर में लॉकडाउन लागू करने के लिए प्रेरित किया. प्रोफेसर फर्गुसन ने ‘द डेली टेलीग्राफ' के आरोप सामने आने के बाद साइंटीफिक एडवाइजरी ग्रुप फॉर इमर्जेंसीज (एसएजीई) से इस्तीफा दे दिया है.
प्रोफेसर नील फर्गुसन ने स्वीकार किया है कि उन्होंने महिला को ब्रिटेन की राजधानी स्थित उसके घर से अपने घर कम से कम दो बार आने दिया. उक्त महिला अपने उस घर से प्राफेसर के घर आयी और वह महिला अपने घर पर अपने पति और बच्चों के साथ रहती है.महिला का यह आवागमन सरकार के घर पर रहकर जीवन बचाने के बारे में सख्त परामर्श के खिलाफ है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन ने प्रोफेसर फर्गुसन के नेतृत्व वाली वैज्ञानिकों की टीम की सलाह पर ही देश में लॉकडाउन लागू किया था.
ये घटनाएं इम्पीरियल कालेज लंदन में शीर्ष महामारी रोग विज्ञानी 51 वर्षीय प्रोफेसर फर्गुसन के कोरोना वायरस से संक्रमित पाये जाने के बाद दो सप्ताह स्वयं पृथक रहने की अवधि पूरी करने के बाद हुईं.प्रोफेसर फर्गुसन ने कहा, ‘‘मैं स्वीकार करता हूं कि मैंने गलत निर्णय किया और गलत रास्ता अपनाया. इसलिए मैंने स्वयं को एसएजीई से अलग कर लिया है.''
वैज्ञानिक ने हालांकि इस बात पर जोर दिया कि सरकार का एकदूसरे से दूरी बनाये रखने को लेकर सलाह ‘‘स्पष्ट'' है और यह ‘‘हम सभी को बचाने के लिए है.''ब्रिटेन के मंत्री जेम्स ब्रोकेनशायर ने कहा कि वरिष्ठ वैज्ञानिक ने ‘‘सही निर्णय किया है'' और यह कि सरकार एसएजीई से सलाह लेती रहेगी. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास कई विशेषज्ञ हैं जो मंत्रियों को सहयोग करते रहेंगे.''
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं