ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से स्पष्ट कहा कि कश्मीर भारत एवं पाकिस्तान का द्विपक्षीय मामला है. मोदी और जॉन्सन के बीच हुई बातचीत में कश्मीर में मौजूदा हालात के अलावा भारत एवं पाकिस्तान के बीच साझीदारी की महत्ता पर चर्चा की गई. जॉन्सन ने डाउनिंग स्ट्रीट में पिछले महीने पदभार ग्रहण करने के बाद से विश्व के कई नेताओं से फोन पर बात की है. मोदी और जॉन्सन की बातचीत भी इसी श्रृंखला का हिस्सा थी.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कार्यालय 10 डाउनिंग स्ट्रीट के प्रवक्ता ने फोन कॉल की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि ब्रिटेन का मानना है कि कश्मीर एक ऐसा मामला है जिसे भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय स्तर पर सुलझाना चाहिए. उन्होंने वार्ता के जरिए मामलों को सुलझाने की महत्ता पर जोर दिया.''
उल्लेखनीय है कि भारत ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा हटा दिया है और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया है, जिसकी पृष्ठभूमि में जॉन्सन ने मोदी के साथ बातचीत में कश्मीर का जिक्र किया.
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जॉन्सन और मोदी ने भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय साझीदारी की महत्ता पर बात की और विशेषकर व्यापार एवं आर्थिक संबंधों के जरिए उसे और मजबूत करने की आवश्यकता पर सहमति जताई.
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच अपार संभावनाएं है जिनसे दोनों देशों की समृद्धि बढ़ेगी''
यह बातचीत ऐसे समय में हुई है, जब सप्ताहांत में फ्रांस में जी7 बैठक होगी जहां जॉन्सन के ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने के बाद दोनों नेता पहली बार मुलाकात करेंगे. दोनों नेताओं ने इस सम्मेलन पर बात की.
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प्रवक्ता ने कहा, ‘‘जी7 से पहले जॉन्सन और मोदी ने पर्यावरण बदलाव और जैव विविधता के लिए अन्य खतरों से मिलकर निपटने की महत्ता पर सहमति जताई. वे सप्ताहांत में होने जा रही मुलाकात में इन मामलों पर बातचीत के लिए उत्सुक हैं.''
हालांकि बातचीत की ब्रिटेन द्वारा मुहैया कराई गई जानकारी में किसी अन्य विषय का जिक्र नहीं किया गया लेकिन भारत में प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि आतंकवाद और हिंसा के खिलाफ लड़ाई पर भी बातचीत की गई.
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, मोदी ने जॉन्सन का ध्यान निहित स्वार्थों के लिए प्रायोजित एजेंडा चला रहे लोगों की ओर खींचा, जो इसके लिए हिंसा का भी इस्तेमाल कर रहे हैं.
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इस संबंध में प्रधानमंत्री मोदी ने लदंन स्थित भारतीय उच्चायोग के सामने स्वतंत्रता दिवस मना रहे भारतीय समुदाय के लोगों के खिलाफ हुई हिंसा का जिक्र किया.
बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री जॉन्सन ने घटना के लिए खेद व्यक्त किया और भरोसा दिलाया कि भारतीय उच्चायोग, उसके कर्मियों और आगंतुकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठाया जाएगा.
बयान में बताया गया कि बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद की तरफ भी ब्रिटिश प्रधानमंत्री का ध्यान दिलाया जिसने भारत और यूरोप समेत दुनिया के सभी हिस्सों को अपनी चपेट में लिया है. उन्होंने कट्टरपंथ, हिंसा और असहिष्णुता के खतरे को दूर करने के लिये प्रभावी कदमों की आवश्यकता पर भी बल दिया.
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