बीजिंग:
चीन के बंदरगाह शहर तियानजिन में एक गोदाम में फिर विस्फोट हुआ, लेकिन इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। दो माह पहले ही इस शहर में हुए भीषण दो विस्फोटों में 100 से अधिक लोग मारे गए थे और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे।
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर में बताया गया है कि बेईशेन जिले के शिदितोउ शहर में एक गोदाम में देर रात विस्फोट हुआ और फिर आग लग गई। गोदाम में अल्कोहल रखा था।
एजेंसी के अनुसार, विस्फोट से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। आग पर भी काबू पा लिया गया है।
ऐसे विस्फोटों को टालने के लिए तियानजिन के प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं जिसके बावजूद कल फिर विस्फोट हो गया।
दो माह पहले 12 अगस्त को तियानजिन बंदरगाह में दो विस्फोट हुए थे, जिसमें 173 लोग मारे गए थे। इन विस्फोटों को चीन के आधुनिक इतिहास की सर्वाधिक भयावह औद्योगिक त्रासदी कहा गया। मृतकों में 104 दमकल कर्मी, 11 पुलिस अधिकारी और 55 नागरिक मारे गए थे। हादसे में 700 से अधिक लोग घायल हो गए थे, जिनमें से कुछ का अब तक अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
जब विस्फोट हुए थे तब बंदरगाह में भारी मात्रा में विषले रसायन संग्रह करके रखे गए थे। इनमें करीब 700 टन सोडियम सायनाइड भी था।
विस्फोटों से आसपास की कई रिहायशी इमारतों को नुकसान हुआ था और करीब 10,000 आयातित कारें भी नष्ट हो गई थीं, जो विभिन्न कंपनियों की थीं और डिलीवरी के लिए वहां कतारबद्ध थीं।
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर में बताया गया है कि बेईशेन जिले के शिदितोउ शहर में एक गोदाम में देर रात विस्फोट हुआ और फिर आग लग गई। गोदाम में अल्कोहल रखा था।
एजेंसी के अनुसार, विस्फोट से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। आग पर भी काबू पा लिया गया है।
ऐसे विस्फोटों को टालने के लिए तियानजिन के प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं जिसके बावजूद कल फिर विस्फोट हो गया।
दो माह पहले 12 अगस्त को तियानजिन बंदरगाह में दो विस्फोट हुए थे, जिसमें 173 लोग मारे गए थे। इन विस्फोटों को चीन के आधुनिक इतिहास की सर्वाधिक भयावह औद्योगिक त्रासदी कहा गया। मृतकों में 104 दमकल कर्मी, 11 पुलिस अधिकारी और 55 नागरिक मारे गए थे। हादसे में 700 से अधिक लोग घायल हो गए थे, जिनमें से कुछ का अब तक अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
जब विस्फोट हुए थे तब बंदरगाह में भारी मात्रा में विषले रसायन संग्रह करके रखे गए थे। इनमें करीब 700 टन सोडियम सायनाइड भी था।
विस्फोटों से आसपास की कई रिहायशी इमारतों को नुकसान हुआ था और करीब 10,000 आयातित कारें भी नष्ट हो गई थीं, जो विभिन्न कंपनियों की थीं और डिलीवरी के लिए वहां कतारबद्ध थीं।
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