मनामा:
बहरीन की राजधानी मनामा में एक दिन पहले विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसक झड़पों में मारे गए एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार के लिए मंगलवार को जमा हुई भीड़ पर पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी से कम से कम एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। बहरीन सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स में विदेशी मामलों के प्रमुख, मरियम अलख्वाजा ने कहा कि दंगा पुलिस ने मंगलवार सुबह फादेल अली अल्मतरूक पर गोलीबारी की। अल्मतरूक अन्य प्रदर्शनकारियों के साथ अस्पताल से कब्रगाह जा रहा था। कतर स्थित टीवी चैनल 'अल जजीरा' ने अलख्वाजा के हवाले से कहा, "वर्तमान शासन को हटाने के लिए हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर जुलूस निकाल रहे हैं। पुलिस प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस और छर्रे दाग रही है तथा अत्यधिक बल का प्रयोग कर रही है, जिससे लोग दुखी हैं।" ईरान के प्रेस टीवी ने हालांकि कहा कि अस्पताल के बाहर पुलिस की गोलीबारी में दो प्रदर्शनकारी मारे गए हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि सोमवार को बुरी तरह घायल हुए प्रदर्शनकारी की मंगलवार को मौत हो गई। मंत्रालय इस मौत की जांच कराएगा। राजधानी मनामा में जहां तनाव बढ़ गया है, वहीं मनामा के पश्चिम में स्थित शिया बाहुल्य दो गांवों - दाराज और सनाबिस में प्रदर्शनकारियों एवं पुलिस के बीच तीखी झड़प होने की खबर है। सोमवार को 'दिया' गांव में हुई झड़पों में कम से कम 14 लोग घायल हो गए थे। विपक्ष ने इसे 'आक्रोश दिवस' बताया था। मिस्र और ट्यूनीशिया में हुए विद्रोह से प्रेरित प्रदर्शनकारियों ने अब शुक्रवार को 'आक्रोश दिवस' का आह्वान किया है। इस बीच बहरीन के शाह हमाद बिन ईसा अल-खलीफा ने मिस्र की सत्ताधारी सैन्य परिषद के प्रमुख फील्ड मार्शल मोहम्मद हुसैन तंतावी से फोन पर बात की। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने स्थानीय दैनिक 'अल-आयम' के हवाले से कहा है कि हमाद ने उम्मीद जताई है कि मिस्र, अरब एवं मुस्लिम विश्व में अपनी प्रमुख भूमिका बनाए रखेगा। हमाद ने इसके पहले मध्यपूर्व के भविष्य पर चर्चा करने के लिए अरब देशों की एक बैठक बुलाने का प्रस्ताव रखा था। ज्ञात हो कि सशस्त्र बलों की सर्वोच्च परिषद के प्रमुख तंतावी, मिस्र के रक्षा मंत्री भी हैं। यह सैन्य परिषद छह महीनों तक सत्ता पर काबिज रहेगी।