बराक ओबामा ने डोनाल्ड ट्रंप को ईरानी परमाणु समझौता एवं पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौता रद्द न करने के लिए चेताया है.
वाशिंगटन:
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा ने नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चेताया कि वह ईरानी परमाणु समझौते एवं पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते जैसे अंतरराष्ट्रीय निर्णयों को रद्द नहीं करें और कहा कि इन ऐतिहासिक समझौतों पर हस्ताक्षर करने के लिए बहुत प्रयास किए गए हैं.
ओबामा ने व्हाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यदि आपको वास्तव में उनकी जांच करने के बाद पता लगता है कि ये अंतरराष्ट्रीय समझौते हमारे लिए अच्छे हैं तो यह परंपरा है कि आप उन्हें अन्य प्रशासनों में आगे लेकर जाते हैं और अन्य देशों को ऐसे काम करने के लिए बाध्य बनाते हैं जिनसे आपकी मदद होती है.’’ उन्होंने कहा कि ईरानी परमाणु समझौता इस शहर में हुई कुछ बयानबाजी, जो कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के लिए नई बात नहीं है, और वास्तविकता के बीच ‘‘अंतर’’ का अच्छा उदाहरण है.
ओबामा ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि ईरान समझौता होने से पहले इसके गुणदोषों के बारे में वास्तव में जोरदार बहस हुई. हमारे प्रशासन ने जिस प्रकार इसे तैयार किया, मैं वास्तव में उसे लेकर बहुत गौरवान्वित हूं. मुझे लगता है कि मामले के दोनों पक्षों में सद्भावना रखने वाले लोग थे. अंतत:, हम इसे समर्थन देने के लिए कांग्रेस के सदस्यों और लोगों, कम से कम उनकी पर्याप्त संख्या को राजी करने में सफल रहे.’’ ओबामा ने कहा, ‘‘उस समय इसके खिलाफ मुख्य चर्चा यह थी कि ईरान इस समझौते का पालन नहीं करेगा. वह धोखा देगा. अब हमारे पास सबूत है कि एक साल में उसने समझौते का पालन किया है. यह केवल मेरी राय नहीं है. यह केवल मेरे प्रशासन के लोगों की राय नहीं है. यह इस्राइली सेना एवं खुफिया अधिकारियों की राय है जो इस समझौते का जोरदार विरोध करने वाली सरकार का हिस्सा हैं.’’
ओबामा ने पेरिस जलवायु समझौते के बारे में कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय समझौते को रद्द करने की संभावना पर बहुत बातचीत हुई है. उन्होंने कहा, ‘‘अब आपके पास 200 देश हैं जिन्होंने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं और अच्छा समाचार यह है कि हम पिछले पांच, छह, आठ वर्षों में यह दिखाने में सफल रहे हैं कि कार्बन उत्सर्जन कम करने के साथ अर्थव्यवस्था का वास्तव में तेजी से विकास करना संभव है.’’ ओबामा ने कहा, ‘‘पेरिस समझौता संभावित रूप से प्रदूषण फैलाने वाले चीन और भारत एवं अन्य देशों से कहता है कि आइए साथ आएं. आइए मिलकर काम करें. सबसे बड़ा खतरा यह है कि जब जलवायु परिवर्तन एवं प्रदूषण की बात आती है तो यह हमारी वजह से नहीं होने वाला क्योंकि हमारी जनसंख्या मात्र 30 करोड़ है. यह चीन एवं भारत की ओर से होगा जहां जनसंख्या एक अरब से अधिक है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम उसी प्रकार की रणनीतियां अपनाते हैं जो हमने पर्यावरण के प्रति जागरूक होने से पहले अपनाई थी तो हमारे बच्चों का दम घुट जाएगा. क्या मुझे लगता है कि नया प्रशासन कुछ बदलाव करेगा? बिल्कुल करेगा. ’’ ओबामा ने कहा कि यह समझौता अमेरिका और ईरान के बीच ही नहीं है बल्कि सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों एवं जर्मनी और कुछ अन्य देशों में हुआ है जिनमें से कुछ अमेरिका के निकट सहयोगी हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम इस समझौते को वापस लेते हैं तो इसके लिए हमें यूरोप में, चीन या रूस में अन्य देशों पर भी प्रतिबंध लगाना होगा जो समझौते के तहत बाध्य होंगे क्योंकि उनके अनुसार ईरान ने वह किया है जो उसे करने की आवश्यकता थी.’’ ओबामा ने कहा, ‘‘जो चीज काम नहीं कर रही, उसकी तुलना में उस चीज को वापस लेना अधिक मुश्किल होता है जो काम कर रही हो. जब आप इसके लिए जिम्मेदार नहीं है, तो मुझे लगता है कि आप उसे बेकार समझौता कह सकते हैं. आप जब समझौते के लिए जिम्मेदार हैं और ईरान को परमाणु हथियार प्राप्त करने से रोक रहे हैं, तो आपके द्वारा तथ्यों पर नजर डाले जाने की अधिक संभावना है.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
ओबामा ने व्हाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यदि आपको वास्तव में उनकी जांच करने के बाद पता लगता है कि ये अंतरराष्ट्रीय समझौते हमारे लिए अच्छे हैं तो यह परंपरा है कि आप उन्हें अन्य प्रशासनों में आगे लेकर जाते हैं और अन्य देशों को ऐसे काम करने के लिए बाध्य बनाते हैं जिनसे आपकी मदद होती है.’’ उन्होंने कहा कि ईरानी परमाणु समझौता इस शहर में हुई कुछ बयानबाजी, जो कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के लिए नई बात नहीं है, और वास्तविकता के बीच ‘‘अंतर’’ का अच्छा उदाहरण है.
ओबामा ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि ईरान समझौता होने से पहले इसके गुणदोषों के बारे में वास्तव में जोरदार बहस हुई. हमारे प्रशासन ने जिस प्रकार इसे तैयार किया, मैं वास्तव में उसे लेकर बहुत गौरवान्वित हूं. मुझे लगता है कि मामले के दोनों पक्षों में सद्भावना रखने वाले लोग थे. अंतत:, हम इसे समर्थन देने के लिए कांग्रेस के सदस्यों और लोगों, कम से कम उनकी पर्याप्त संख्या को राजी करने में सफल रहे.’’ ओबामा ने कहा, ‘‘उस समय इसके खिलाफ मुख्य चर्चा यह थी कि ईरान इस समझौते का पालन नहीं करेगा. वह धोखा देगा. अब हमारे पास सबूत है कि एक साल में उसने समझौते का पालन किया है. यह केवल मेरी राय नहीं है. यह केवल मेरे प्रशासन के लोगों की राय नहीं है. यह इस्राइली सेना एवं खुफिया अधिकारियों की राय है जो इस समझौते का जोरदार विरोध करने वाली सरकार का हिस्सा हैं.’’
ओबामा ने पेरिस जलवायु समझौते के बारे में कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय समझौते को रद्द करने की संभावना पर बहुत बातचीत हुई है. उन्होंने कहा, ‘‘अब आपके पास 200 देश हैं जिन्होंने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं और अच्छा समाचार यह है कि हम पिछले पांच, छह, आठ वर्षों में यह दिखाने में सफल रहे हैं कि कार्बन उत्सर्जन कम करने के साथ अर्थव्यवस्था का वास्तव में तेजी से विकास करना संभव है.’’ ओबामा ने कहा, ‘‘पेरिस समझौता संभावित रूप से प्रदूषण फैलाने वाले चीन और भारत एवं अन्य देशों से कहता है कि आइए साथ आएं. आइए मिलकर काम करें. सबसे बड़ा खतरा यह है कि जब जलवायु परिवर्तन एवं प्रदूषण की बात आती है तो यह हमारी वजह से नहीं होने वाला क्योंकि हमारी जनसंख्या मात्र 30 करोड़ है. यह चीन एवं भारत की ओर से होगा जहां जनसंख्या एक अरब से अधिक है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम उसी प्रकार की रणनीतियां अपनाते हैं जो हमने पर्यावरण के प्रति जागरूक होने से पहले अपनाई थी तो हमारे बच्चों का दम घुट जाएगा. क्या मुझे लगता है कि नया प्रशासन कुछ बदलाव करेगा? बिल्कुल करेगा. ’’ ओबामा ने कहा कि यह समझौता अमेरिका और ईरान के बीच ही नहीं है बल्कि सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों एवं जर्मनी और कुछ अन्य देशों में हुआ है जिनमें से कुछ अमेरिका के निकट सहयोगी हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम इस समझौते को वापस लेते हैं तो इसके लिए हमें यूरोप में, चीन या रूस में अन्य देशों पर भी प्रतिबंध लगाना होगा जो समझौते के तहत बाध्य होंगे क्योंकि उनके अनुसार ईरान ने वह किया है जो उसे करने की आवश्यकता थी.’’ ओबामा ने कहा, ‘‘जो चीज काम नहीं कर रही, उसकी तुलना में उस चीज को वापस लेना अधिक मुश्किल होता है जो काम कर रही हो. जब आप इसके लिए जिम्मेदार नहीं है, तो मुझे लगता है कि आप उसे बेकार समझौता कह सकते हैं. आप जब समझौते के लिए जिम्मेदार हैं और ईरान को परमाणु हथियार प्राप्त करने से रोक रहे हैं, तो आपके द्वारा तथ्यों पर नजर डाले जाने की अधिक संभावना है.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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