रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस लेने के लिए भारत म्यांमार पर दबाव बनाए : शेख हसीना (फाइल फोटो)
ढाका:
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा है कि रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस लेने के लिए भारत को चाहिए कि वह म्यांमार पर दबाव बनाए शेख हसीना ने यह बात भारत से आए पत्रकारों के दल के साथ बातचीत करते हुए कही. शेख हसीना ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि भारत अपने प्रभाव पर थोड़ा ज्यादा इस्तेमाल करेगा और म्यांमार पर शरणार्थियों को वापस लेने का दबाव बनाएगा. हमें इस बात का भरोसा भी चाहिए कि रोहिंग्या के वापस लौटने के बाद उनके साथ वहां कोई अत्याचार नहीं होगा.
म्यांमार में फिर जलाए गए रोहिंग्या के 40 गांव : रिपोर्ट
शेख हसीना ने कहा, शरणार्थी कैंपों में रोहिंग्या निराश- परेशान हो रहे हैं. उनकी इस परेशानी का फायदा कई ताकतें अपने निहित स्वार्थ के लिए करने की कोशिश करती हैं. उन्हें बरगलाने की कोशिश की जाती है जोकि भारत और बांग्लादेश दोनों के हित में नहीं है. शेख हसीना ने कहा कि हमने रोहिंग्या शरणार्थियों को जगह दी जबकि भारत समेत तमाम दूसरे देशों ने उनके घुसने पर पाबंदी लगा रखी थी. हमने उनके लिए हरसंभव कदम उठाए, एक डेटाबेस बनाया, उनको पहचान पत्र दिया. उनकी तस्वीर के साथ हमने डेटाबेस बनाया. शरणार्थियों की तादाद 1000000 से ज्यादा है और उनके लिए हमेशा सहायता संभव नहीं. हर दिन वहां बच्चे पैदा हो रहे हैं. बरसात का महीना आने वाला है ऐसे में उनकी तकलीफ और बढ़ेगी इसलिए उनकी जल्द से जल्द वापसी का रास्ता खोला जाए.
Video- रोहिंग्या पर सरकार का अलर्ट
म्यांमार की सीमा से लगने वाले हर देश का यह कर्तव्य है कि वह म्यांमार पर रोहिंग्या समस्या के समाधान को कहें. भारत के अलावा चीन लाओस और थाईलैंड जैसे देशों की सीमा म्यांमार से लगती है लेकिन रोहिंग्याओं का पलायन बांग्लादेश में नहीं हुआ. बांग्लादेश में यथाशक्ति रोहिंग्याओं के मदद की कोशिश की लेकिन एक सीमा के आगे यह संभव नहीं है. बांग्लादेश ने 8000 शरणार्थियों की लिस्ट उन्हें सौंपी है जिनकी वापसी होनी है लेकिन बांग्लादेश यह भी चाहता है कि जल्द से जल्द शरणार्थियों को वापस ले ले.
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शेख हसीना ने कहा, शरणार्थी कैंपों में रोहिंग्या निराश- परेशान हो रहे हैं. उनकी इस परेशानी का फायदा कई ताकतें अपने निहित स्वार्थ के लिए करने की कोशिश करती हैं. उन्हें बरगलाने की कोशिश की जाती है जोकि भारत और बांग्लादेश दोनों के हित में नहीं है. शेख हसीना ने कहा कि हमने रोहिंग्या शरणार्थियों को जगह दी जबकि भारत समेत तमाम दूसरे देशों ने उनके घुसने पर पाबंदी लगा रखी थी. हमने उनके लिए हरसंभव कदम उठाए, एक डेटाबेस बनाया, उनको पहचान पत्र दिया. उनकी तस्वीर के साथ हमने डेटाबेस बनाया. शरणार्थियों की तादाद 1000000 से ज्यादा है और उनके लिए हमेशा सहायता संभव नहीं. हर दिन वहां बच्चे पैदा हो रहे हैं. बरसात का महीना आने वाला है ऐसे में उनकी तकलीफ और बढ़ेगी इसलिए उनकी जल्द से जल्द वापसी का रास्ता खोला जाए.
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