विज्ञापन

बांग्‍लादेश का बुरा दौर शुरू... कर्ज में डूबता देश अब दिवालिया होने की कगार पर!

बांग्लादेश सरकार के कर्ज में पिछले एक साल में 14 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. सरकार के वित्त विभाग की ओर से जारी की गई ताजा अपडेट में बताया गया कि कुल सरकारी कर्ज अब बढ़कर जून 2025 तक 21,44,340 करोड़ टका हो गया है.

बांग्‍लादेश का बुरा दौर शुरू... कर्ज में डूबता देश अब दिवालिया होने की कगार पर!
  • बांग्लादेश का सरकारी कर्ज पिछले एक साल में 14 प्रतिशत बढ़कर जून 2025 तक 21,44,340 करोड़ टका हो गया है.
  • देश में राजनीतिक अस्थिरता और कानून व्यवस्था की कमी के कारण अर्थव्यवस्था कमजोर होती जा रही है.
  • बांग्लादेश की टैक्स-टू-जीडीपी दर सात से सात दशमलव पांच प्रतिशत तक सबसे निचले स्तर पर बनी हुई है.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
ढाका:

भारत का पड़ोसी बांग्‍लादेश कभी अपने आर्थिक विकास और प्रति व्‍यक्ति आय के लिए दुनियाभर में चर्चा का विषय बन गया था. अभी चार साल पहले बांग्‍लादेश की तुलना भारत से की जाने लगी थी और कहां जाने लगा था कि देश जिस तरह से आगे बढ़ रहा है, वह वाकई एक बड़ा उदाहरण बन सकता है. लेकिन अब यही देश आर्थिक संकट की तरफ बढ़ चला है. कम रेवेन्यू, इन्वेस्टमेंट में कमी, राजनीतिक अस्थिरता, बिगड़ते लॉ एंड ऑर्डर और कमजोर होती अर्थव्‍यवस्‍था की वजह से बांग्लादेश का सरकारी कर्ज खतरनाक तरीके से बढ़ रहा है. सरकार खर्च बढ़ने के बावजूद, रेवेन्यू उतना नहीं बढ़ रहा जितना चाहिए. 

एक साल में 14 फीसदी बढ़ा कर्ज 

ढाका ट्रिब्‍यून की रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश सरकार के कर्ज में पिछले एक साल में 14 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. सरकार के वित्त विभाग की ओर से जारी की गई ताजा अपडेट में बताया गया कि कुल सरकारी कर्ज अब बढ़कर जून 2025 तक 21,44,340 करोड़ टका -बांग्लादेश की स्थानीय मुद्रा (भारतीय रुपयों में करीब 15,68,056 करोड़) हो गया है, जो कि पिछले साल के कर्ज 18,89,000 करोड़ टका से 14 प्रतिशत अधिक है. इसमें 9,49,000 करोड़ टका विदेशी कर्ज है, जबकि 11,95,000 करोड़ टका घरेलू कर्ज है. 

देश में राजनीतिक अस्थिरता 

एक तरफ बांग्लादेश सरकार का कर्ज बढ़ता जा रहा है. वहीं, दूसरी तरफ राजनीतिक अस्थिरता, कानून व्यवस्था की कमी से देश की अर्थव्यवस्था कमजोर होती जा रही है. बांग्लादेश प्रशासन का खर्च बढ़ता जा रहा है. वहीं, आय उम्मीद के मुताबिक नहीं बढ़ रही है, जिसके चलते आय और खर्च में अंतर लगातार बढ़ता जा रहा है. बीते वित्त वर्ष में बांग्लादेश सरकार का कर्ज 2,50,000 करोड़ टका बढ़ा है, जो कि देश के अब तक के इतिहास में अब तक सबसे तेज कर्ज वृद्धि में से एक है. बांग्लादेश बैंक के डेटा के मुताबिक, सरकार ने बैंकों से वित्त वर्ष 25 में 72,372 करोड़ टका का कर्ज लिया था. 

अर्थव्यवस्था की स्थिति चिंताजनक

बांग्लादेश देश में सत्ता परिवर्तन के बाद अर्थव्यवस्था की स्थिति लगातार चिंताजनक बनी हुई है. बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था की विकास दर करीब 3.5 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है. वहीं, देश का टैक्स-टू-जीडीपी रेश्यो दक्षिण एशिया में सबसे कमजोर 7-7.5 प्रतिशत बना हुआ है, जो कि भारत में करीब 12 प्रतिशत है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुताबिक, बांग्लादेश का विदेशी कर्ज अर्थव्यवस्था के लिए मध्यम श्रेणी का जोखिम है. बांग्लादेश का डेट-टू-एक्सपोर्ट रेश्यो 162 प्रतिशत हो गया है, जो कि सुरक्षित सीमा से काफी अधिक है. इसमें ऐसे समय पर तेजी से इजाफा देखा जा रहा है, जब देश का निर्यात गिरने का अनुमान है. इससे बांग्लादेश के सामने दिवालिया होने का खतरा बढ़ गया है. 

यह भी पढ़ें-  शेख हसीना ने यूनुस सरकार को बताया 'अवैध', कहा- अल्पसंख्यकों पर हमले राजनीति से प्रेरित

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com