अमेरिकी पत्रकार पर लगे आरोपों को बोलने की आज़ादी पर हमले के रूप में देखा जा रहा है.
नई दिल्ली:
अमेरिका के नॉर्थ डकोटा राज्य ने अमेरिकी टीवी कार्यक्रम डेमोक्रेसी नाउ की पत्रकार एमी गुडमैन को जेल भेजने की तैयारी कर ली है. सोमवार को गुडमैन को मॉर्टन काउंटी में जेल भेजा जाना है. उन पर 'दंगा' भड़काने के आरोप में मुकदमा चलेगा. अमेरिकी पत्रकार पर लगे आरोपों को लोकतंत्र और बोलने की आज़ादी पर हमले के रूप में देखा जा रहा है.
असल में पिछली 3 सितंबर को एमी गुडमैन ने कई महीनों से चल रहे अमेरिकी आदिवासियों (नेटिव अमेरिकन) के एक विरोध प्रदर्शन को कवर किया था. ये विरोध प्रदर्शन करीब पौने चार अरब डॉलर की पेट्रोलियम पाइप लाइन के खिलाफ था. इन आदिवासियों का कहना है कि इस पाइप लाइन से पर्यावरण का बुरा प्रभाव पड़ेगा और जल स्रोत प्रदूषित हो जाएंगे. एमी गुडमैन ने सबसे पहले इस विरोध प्रदर्शन को कवर किया था और दिखाया था कि कैसे ये आदिवासी बुलडोज़र से हो रही खुदाई का विरोध कर रहे हैं और खुदाई करने वाली कंपनियां घोड़ों पर सवार पहरेदारों, पेपर स्प्रे (मिर्च का स्प्रे) और शिकारी कुत्तों की मदद से प्रदर्शनकारियों को भगा रही हैं. इस खबर का एक वीडियो गुडमैन ने डेमोक्रेसी नाउ पर अपलोड किया, जिसके बाद विरोध प्रदर्शन की ये खबर वायरल हो गई.
इस बीच ओबामा प्रशासन ने इस पाइपलाइन का काम फिलहाल रुकवा दिया है. लेकिन इस रिपोर्टिंग के लिए अब गुडमैन पर ही मुकदमा कर दिया गया है. उन पर पहले आपराधिक घुसपैठ (क्रिमिनल ट्रेसपासिंग) का आरोप लगा और फिर उसे बदलकर दंगा भड़काने का केस बना दिया गया है.
आरोप लगाने वाले वकील एल एरिक्सन ने एमी गुडमैन को पत्रकार मानने से इनकार कर दिया है. अमेरिकी अखबार ग्रेंड फोर्क्स हैरल्ड को दिए बयान में एरिक्सन ने कहा, 'गुडमैन मूल रूप से प्रदर्शनकारी हैं. उन्होंने जो भी रिपोर्टिंग की वह उस प्रदर्शन को सही ठहराने वाली थी.' एक दूसरे अखबार बिसमार्च ट्रिब्यून से एरिक्सन ने ये भी कहा, 'गुडमैन ने दुनिया को अपने एजेंडे के हिसाब से प्रभावित करने की कोशिश की है. हमें इससे कोई एतराज़ नहीं लेकिन वह कानून से नहीं बच सकती.'
डकोटा एक्सिस पाइपलाइन का विरोध कर रहे एक प्रदर्शनकारी कोडी हॉल को भी जेल भेजा गया है. विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले हॉल ने ज़मानत लेने से इनकार कर दिया. उधर प्रदर्शनकारियों पर हमला करने वाले और पेपर स्प्रे और कुत्ते छोड़ने वाले पहरेदारों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
असल में पिछली 3 सितंबर को एमी गुडमैन ने कई महीनों से चल रहे अमेरिकी आदिवासियों (नेटिव अमेरिकन) के एक विरोध प्रदर्शन को कवर किया था. ये विरोध प्रदर्शन करीब पौने चार अरब डॉलर की पेट्रोलियम पाइप लाइन के खिलाफ था. इन आदिवासियों का कहना है कि इस पाइप लाइन से पर्यावरण का बुरा प्रभाव पड़ेगा और जल स्रोत प्रदूषित हो जाएंगे.
इस बीच ओबामा प्रशासन ने इस पाइपलाइन का काम फिलहाल रुकवा दिया है. लेकिन इस रिपोर्टिंग के लिए अब गुडमैन पर ही मुकदमा कर दिया गया है. उन पर पहले आपराधिक घुसपैठ (क्रिमिनल ट्रेसपासिंग) का आरोप लगा और फिर उसे बदलकर दंगा भड़काने का केस बना दिया गया है.
आरोप लगाने वाले वकील एल एरिक्सन ने एमी गुडमैन को पत्रकार मानने से इनकार कर दिया है. अमेरिकी अखबार ग्रेंड फोर्क्स हैरल्ड को दिए बयान में एरिक्सन ने कहा, 'गुडमैन मूल रूप से प्रदर्शनकारी हैं. उन्होंने जो भी रिपोर्टिंग की वह उस प्रदर्शन को सही ठहराने वाली थी.' एक दूसरे अखबार बिसमार्च ट्रिब्यून से एरिक्सन ने ये भी कहा, 'गुडमैन ने दुनिया को अपने एजेंडे के हिसाब से प्रभावित करने की कोशिश की है. हमें इससे कोई एतराज़ नहीं लेकिन वह कानून से नहीं बच सकती.'
डकोटा एक्सिस पाइपलाइन का विरोध कर रहे एक प्रदर्शनकारी कोडी हॉल को भी जेल भेजा गया है. विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले हॉल ने ज़मानत लेने से इनकार कर दिया. उधर प्रदर्शनकारियों पर हमला करने वाले और पेपर स्प्रे और कुत्ते छोड़ने वाले पहरेदारों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
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