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This Article is From Dec 25, 2019

आलोचनाओं के बीच पाकिस्तान जाएंगे सऊदी के विदेशी मंत्री

सम्मेलन में शामिल नहीं होने के बारे में पाकिस्तान का तर्क है कि वह तटस्थ रहना चाहता है.

आलोचनाओं के बीच पाकिस्तान जाएंगे सऊदी के विदेशी मंत्री
सऊदी अरब के विदेश मंत्री पाकिस्तान के दौरे पर जाएंगे.
नई दिल्ली:

सऊदी अरब (Saudi Arabia) के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान (Prince Faisal bin Farhan) गुरुवार को एक दिन के दौरे पर पाकिस्तान (Pakistan) जाएंगे. दरअसल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने कुआलालंपुर शिखर सम्मेलन (Kuala Lumpur Summit) में शरीक होने से इनकार कर दिया था. ऐसा माना जा रहा है कि उन्होंने यह फैसला सऊदी अरब के दबाव में लिया है. इसके बाद से इस्लामाबाद में सऊदी अरब को लेकर आलोचनाएं शुरू हो गई थीं.  इसी पृष्ठभूमि में सऊदी अरब के विदेश मंत्री पाकिस्तान के दौरे पर जाने वाले हैं.

कुआलालंपुर सम्मेलन को मुस्लिम देशों का एक नया संगठन बनाने के प्रयास के रूप में देखा गया था जो निष्क्रिय हो चुके, सऊदी अरब के नेतृत्व वाले इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) का विकल्प बन सके. खान ने मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद के 18 से 21 दिसंबर तक होने वाले सम्मेलन में शामिल होने के आमंत्रण को स्वीकार कर लिया था. लेकिन ऐन मौके पर उन्होंने कथित तौर पर सऊदी अरब के दबाव में आकर सम्मेलन में शामिल नहीं होने का फैसला किया. उनके इस फैसले से पाकिस्तान को घरेलू स्तर पर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा.

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एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने सूत्रों के हवाले से कहा कि सऊदी अरब पाकिस्तान में आमजन से मिलने वाला समर्थन कभी नहीं खोना चाहता. इस मामले से उसकी जो छवि बनी है, उस को देखते हुए वह अपने विदेश मंत्री को यहां भेज रहा है. सऊदी अरब के विदेश मंत्री पाकिस्तान के सैन्य और असैन्य नेतृत्व से मुलाकात करेंगे और यह संदेश देंगे कि रियाद ‘पाकिस्तान के साथ अपनी लंबी रणनीतिक साझेदारी' को महत्व देता है.

सम्मेलन में शामिल नहीं होने के बारे में पाकिस्तान का तर्क है कि वह तटस्थ रहना चाहता है. तुर्की के एक अखबार ने राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन के हवाले से कहा कि पाकिस्तान पर सम्मेलन से दूरी बनाने का दबाव बनाया गया था. इस सम्मेलन में मलेशिया, तुर्की, ईरान और कतर के नेता शामिल हुए. पाकिस्तान और सऊदी दोनों ने इसे खारिज कर दिया है.

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इस रिपोर्ट के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि पाकिस्तान सम्मेलन में शामिल नहीं हुआ क्योंकि प्रमुख मुस्लिम देशों की चिंताओं को देखने के लिए समय और प्रयासों की जरूरत है. विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि यह फैसला देश हित में लिया गया. सऊदी के दूतावास ने बयान जारी कर कहा कि रियाद ने कभी इस्लामाबाद को सम्मेलन में शामिल होने से नहीं रोका और न ही कभी धमकाया.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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