
अमेरिकी युद्धक विमानों ने यमन की राजधानी सना और उत्तरी प्रांत सादा में हूती विद्रोहियों के कई ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिसमें कम से कम 24 लोग मारे गए. अल-मसीरा टीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार मरने वालों की संख्या बढ़ भी सकती है. 9 लोग इस कार्रवाई में घायल भी हुए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बयान जारी कर कहा कि मैंने संयुक्त राज्य अमेरिका की सेना को यमन में हूती आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक और शक्तिशाली सैन्य कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया है. ट्रंप ने कहा कि हूतियों ने अमेरिकी और अन्य जहाजों, विमानों और ड्रोनों के खिलाफ़ समुद्री डकैती, हिंसा और आतंकवाद का एक निरंतर अभियान चलाया है.
जनवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सत्ता संभालने और हूती समूह को आतंकी संगठन के तौर पर घोषित करने के बाद अमेरिकी सेना द्वारा की गई यह पहली कार्रवाई है.
डोनाल्ड ट्रंप ने क्या कहा?
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिकी जहाजों पर हूती हमले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हम तब तक भारी घातक बल का इस्तेमाल करेंगे जब तक हम अपना उद्देश्य हासिल नहीं कर लेते. हूतियों ने दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण जलमार्गों में से एक में शिपिंग को रोक दिया है, वैश्विक वाणिज्य के विशाल हिस्से को ठप कर दिया है और नौवहन की स्वतंत्रता के मूल सिद्धांत पर हमला किया है जिस पर अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और वाणिज्य निर्भर करता है.
President Trump is taking action against the Houthis to defend US shipping assets and deter terrorist threats.
— The White House (@WhiteHouse) March 15, 2025
For too long American economic & national threats have been under assault by the Houthis. Not under this presidency. pic.twitter.com/FLC0E8Xkly
अमेरिकी हवाई हमलों के बाद, हूतियों ने जवाबी हमले करने की कसम खाई है. उन्होंने कहा कि हम जवाब देने के लिए तैयार हैं.उन्होंने कहा कि जब तक कि गाजा पट्टी के क्रॉसिंग फिर से नहीं खुल जाते और सहायता की अनुमति नहीं मिल जाती हम लड़ते रहेंगे.
कौन हैं हूती?
हूती विद्रोही समूह का टॉप कमांडर अब्दुल मलिक अल-हूती है, जिसे अबू जिबरिल भी कहा जाता है. ये हुसैन बद्रेददीन अल-हूती का भाई है, जिसने 2004 में यमन सरकार के खिलाफ विद्रोह किया था और उसी साल सितंबर में यमन की सेना ने उसे मार गिराया था. हूती यमन का अल्पसंख्यक शिया समुदाय है. यमन में सुन्नी की आबादी करीब 60 फ़ीसदी है, जबकि शिया की आबादी करीब 35 फ़ीसदी है.
यमन के अधिकांश हिस्सों पर हूती का है नियंत्रण
हूती ग्रुप 2014 के अंत से यमन के अधिकांश हिस्से को नियंत्रित कर रहा है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त यमन की सरकार को राजधानी सना से बाहर होना पड़ा. अप्रैल 2022 से राष्ट्रपति नेतृत्व परिषद के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त यमनी सरकार मुख्य रूप से दक्षिणी और पूर्वी क्षेत्रों को नियंत्रित करती है. इसने अदन को अस्थायी राजधानी का दर्जा दिया है.
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