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This Article is From Aug 20, 2015

अल-कायदा आतंकियों को 100 डॉलर की रिश्वत देकर मिले पाक ID Card

अल-कायदा आतंकियों को 100 डॉलर की रिश्वत देकर मिले पाक ID Card
अल क़ायदा सदस्यों की फाइल फोटो
कराची: राष्टीय पहचान डाटाबेस के जांचकर्ताओं से आतंकवादियों को कथित रूप से पहचान पत्र मुहैया कराने के संबंध में पूछताछ की जा रही है। बताया जा रहा है कि ये काम महज़ 100 डॉलर की रिश्वत के बदले किया जा रहा है और इनमें से कुछ आतंकियों का संबंध अल-क़ायदा से भी है।  आधिकारिक दस्तावेज़ों के मुताबिक पाकिस्तान की मुख्य गुप्तचर एजेंसी आईएसआई (ISI)ने आतंकरोधी कार्यवाही के दौरान नैशनल डाटाबेस और रजिस्ट्रेशन ऑथोरिटी (नाडरा) में कथित तौर से चल रहे भ्रष्टाचार का खुलासा किया।

एजेंसी के हाथ लगे आईएसआई के पत्र-व्यवहार में कहा गया है 'ऐसा पाया गया है कि कई नाडरा अधिकारी, आतंकवादियों और बदमाशों को नकली पहचान मुहैया करवाने में मदद कर रहे हैं।' कागज़ात के मुताबिक इनमें एक नाम अल-क़ायदा के बड़े नेता अदनान अल शुक्रीजुमाह का भी शामिल है अमेरिका को जिसकी तलाश थी और जिसने रिश्वत देकर पाकिस्तानी आईकार्ड हासिल किया था। बता दें कि अदनान का नाम उन लोगों में शामिल है जिन्होंने 2009 में न्यूयॉर्क के सबवे सिस्टम पर हमला करने का षडयंत्र रचा था।

सउदी अरब में जन्मे शुक्रीजुमाह ने कुछ साल अमेरिकी में बिताए थे और 2014 में अफग़ानिस्तान के पास दक्षिणी वज़ीरस्तान के आदिवासी इलाके में हुए पाकिस्तानी सेना के ऑपरेशन में वह मारा गया था। जांच के दौरान 40 नाडरा अधिकारियों के नाम सामने आए हैं जिन्होंने कराची में फर्जी दस्तावेज़ जारी करने का काम किया है जिसमें एक रिटायर्ड आर्मी ब्रिगेडियर और कर्नल शामिल हैं।

पाकिस्तान की फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (FIA) ने अपनी जांच में पाया कि गैरकानूनी अप्रवासियों को 50 हज़ार से भी ज्यादा पहचान पत्र जारी किए गए हैं जिसमें ज्यादातर अफग़ानी शामिल हैं। दस साल से अपने देश में ही उपजे इस्लामिक कट्टरपंथियों के हमले का शिकार होने के बाद पिछले साल पाकिस्तान ने आतंकियों पर कड़ी कार्यवाही की थी। उत्तर-पश्चिम में तालिबान और अलकायदा के छुपे हुए ठिकानों पर सैनिक कार्यवाही के अलावा सरकार ने देश भर में 'गुप्त सूचना' के आधार पर ऑपरेशन चलाए थे।
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