बगदाद:
अलकायदा से जुड़े एक समूह ने कहा है कि अमेरिका ने इराक से अपने सैनिकों को इसलिए हटा लिया क्योंकि उसकी अर्थव्यवस्था चरमरा रही है और उसे धन बचाने की आवश्यकता है। यह दावा संगठन ने अपनी वेबसाइट पर डाले गए संदेश में किया है। नौ साल के युद्ध के बाद अमेरिकी सैनिकों के पिछले महीने पूरी तरह से इराक से हटाने के बाद संगठन की यह पहली ऑनलाइन टिप्पणी है।
अलकायदा के इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक के प्रवक्ता अबु मोहम्मद अल अदनानी ने कल एक ऑडियो संदेश में कहा, ‘‘इराक में अमेरिका की पराजय हुई है।’’ उसने पाला बदलकर समूह से लड़ने वाले अलकायदा के पूर्व लड़ाकों से आह्वान किया कि वे अब ‘जिहाद’ न छोड़ें क्योंकि अमेरिका ने अपने सैनिक पूरी तरह हटा लिए हैं।
अल अदनानी ने कहा, ‘‘उन्होंने इसलिए सैनिकों को हटा लिया क्योंकि उसके लिए आर्थिक और मानवीय क्षति असहनीय हो गई थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका का दिवालियापन और उसका पतन सन्निकट है। सैनिकों को उसके वापस बुलाने का असली कारण यही है।’’ अलकायदा इराक में अमेरिका के मुख्य शत्रुओं में से एक था। इराक में अमेरिकी सैनिकों, इराकी सुरक्षा बलों और अमेरिका समर्थित सरकारी संस्थानों पर किए गए कुछ घातक हमलों के पीछे उसका हाथ था। अमेरिका के अपने सैनिकों को वापस बुलाने के बाद से अलकायदा और सुन्नी आतंकवादियों ने शियाओं पर अपने हमले तेज कर दिए हैं जिसमें इस साल की शुरुआत से अब तक 170 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
अलकायदा के इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक के प्रवक्ता अबु मोहम्मद अल अदनानी ने कल एक ऑडियो संदेश में कहा, ‘‘इराक में अमेरिका की पराजय हुई है।’’ उसने पाला बदलकर समूह से लड़ने वाले अलकायदा के पूर्व लड़ाकों से आह्वान किया कि वे अब ‘जिहाद’ न छोड़ें क्योंकि अमेरिका ने अपने सैनिक पूरी तरह हटा लिए हैं।
अल अदनानी ने कहा, ‘‘उन्होंने इसलिए सैनिकों को हटा लिया क्योंकि उसके लिए आर्थिक और मानवीय क्षति असहनीय हो गई थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका का दिवालियापन और उसका पतन सन्निकट है। सैनिकों को उसके वापस बुलाने का असली कारण यही है।’’ अलकायदा इराक में अमेरिका के मुख्य शत्रुओं में से एक था। इराक में अमेरिकी सैनिकों, इराकी सुरक्षा बलों और अमेरिका समर्थित सरकारी संस्थानों पर किए गए कुछ घातक हमलों के पीछे उसका हाथ था। अमेरिका के अपने सैनिकों को वापस बुलाने के बाद से अलकायदा और सुन्नी आतंकवादियों ने शियाओं पर अपने हमले तेज कर दिए हैं जिसमें इस साल की शुरुआत से अब तक 170 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
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