लंदन:
प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने ब्रिटेन के इस निर्णय को दोहराया है कि उनका देश भारत में सहायता कार्यक्रम जारी रखेगा। सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी के कुछ सांसदों द्वारा सहायता कार्यक्रम बंद करने तथा भारत को इसकी जरूरत नहीं होने की रिपोर्ट के बीच कैमरन ने यह बात कही है।
प्रधानमंत्री के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमने भारत को दी जाने वाली सहायता प्रतिबद्धता की समीक्षा की है। हमने इसे जारी रखने का निर्णय किया है। हम भारत को वित्तीय सहायता देते रहेंगे लेकिन हम तीन सर्वाधिक गरीब राज्यों पर ध्यान देंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसका कारण यह है कि उन तीन राज्यों में गरीबों की बड़ी संख्या निवास करती है..।’’
उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय विकास मंत्री एंड्रयू मिशेल ने कल भारत को दी जाने वाली सहायता की वकालत की और कहा, ‘‘हम हमेशा भारत को मदद नहीं करते रहेंगे लेकिन अभी वहां से बाहर निकलने का समय नहीं आया है। हम भारत में जो कार्यक्रम चला रहे हैं, वह ब्रिटेन के हित में है। साथ ही यह दोनों देशों के बीच मजबूत संबधों का एक छोटा लेकिन प्रमुख हिस्सा है।’’ हालांकि उन्होंने कहा, ‘‘हम अपना रुख बदल रहे हैं। हम केंद्र सरकार की बजाए भारत के तीन सर्वाधिक गरीब राज्यों पर ध्यान देंगे। हम निजी क्षेत्र में और निवेश करेंगे।’’
प्रधानमंत्री के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमने भारत को दी जाने वाली सहायता प्रतिबद्धता की समीक्षा की है। हमने इसे जारी रखने का निर्णय किया है। हम भारत को वित्तीय सहायता देते रहेंगे लेकिन हम तीन सर्वाधिक गरीब राज्यों पर ध्यान देंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसका कारण यह है कि उन तीन राज्यों में गरीबों की बड़ी संख्या निवास करती है..।’’
उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय विकास मंत्री एंड्रयू मिशेल ने कल भारत को दी जाने वाली सहायता की वकालत की और कहा, ‘‘हम हमेशा भारत को मदद नहीं करते रहेंगे लेकिन अभी वहां से बाहर निकलने का समय नहीं आया है। हम भारत में जो कार्यक्रम चला रहे हैं, वह ब्रिटेन के हित में है। साथ ही यह दोनों देशों के बीच मजबूत संबधों का एक छोटा लेकिन प्रमुख हिस्सा है।’’ हालांकि उन्होंने कहा, ‘‘हम अपना रुख बदल रहे हैं। हम केंद्र सरकार की बजाए भारत के तीन सर्वाधिक गरीब राज्यों पर ध्यान देंगे। हम निजी क्षेत्र में और निवेश करेंगे।’’
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