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This Article is From Nov 07, 2016

एनएसजी की बैठक से पहले चीन ने कहा, भारत की सदस्यता को लेकर रुख में 'बदलाव नहीं'

एनएसजी की बैठक से पहले चीन ने कहा, भारत की सदस्यता को लेकर रुख में 'बदलाव नहीं'
गोवा में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग (फाइल फोटो)
बीजिंग: शुक्रवार को विएना में होने जा रही न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी या परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह) की बैठक से पहले चीन ने सोमवार को कहा है कि भारत की सदस्यता को लेकर उसके रुख में 'कोई बदलाव' नहीं हुआ है. चीन कहता रहा है कि भारत की एनएसजी सदस्यता पर विचार तभी मुमकिन है, जब परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर दस्तखत नहीं करने वाले देशों को शामिल करने के लिए नियम तय कर दिए जाएं.

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने पत्रकारों से कहा, "इस शुक्रवार विएना में एनएसजी का पूर्ण सत्र होने जा रहा है... आज की तारीख तक हमारी स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं आया है..."

हैदराबाद में पिछले सप्ताह दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) के बीच हुई बैठक का ज़िक्र करते हुए लू कांग ने कहा कि चीन इस मुद्दे पर भारत सहित सभी संबंधित पक्षों से निकट संपर्क में है, और सकारात्मक बातचीत व समन्वय जारी है. पिछले सप्ताह भारतीय एनएसए अजित डोभाल तथा उनके चीनी समकक्ष यांग जिएची के बीच बातचीत हुई थी.

48-सदस्यीय एनएसजी की दो-दिवसीय बैठक के दौरान उस दो-स्तरीय प्रक्रिया पर चर्चा होने की संभावना है, जिसके तहत उन सदस्यों को संगठन में शामिल किया जा सकेगा, जिन्होंने एनपीटी पर दस्तखत नहीं किए हैं.

एनएसजी की सदस्यता पाने की कोशिश कर रहे भारत और पाकिस्तान - दोनों ने ही एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं.

एनएसजी में भारत की सदस्यता मिलने को लेकर भारत के साथ दूसरे दौर की बातचीत के बाद पिछले सप्ताह चीन ने कहा था कि वह पहले एनपीटी पर दस्तखत नहीं करने वाले सभी देशों को सदस्यता देने का तरीका निकाले जाने की मांग करेगा, फिर भारत के आवेदन पर चर्चा करेगा.

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा था कि चीन की स्थिति "बहुत स्पष्ट तथा यथावत है..."

वैसे, चीन एनएसजी की सदस्यता को लेकर पाकिस्तान से भी लगातार बातचीत करता रहा है

अधिकारियों का कहना है कि अब फोकस इस बात पर है कि भारत को एनएसजी में कैसे शामिल किया जा सकता है, जिसका परमाणु अप्रसार के मामले में रिकॉर्ड बहुत सकारात्मक है, जबकि पाकिस्तान का रिकॉर्ड कतई उलट है.

पिछले महीने गोवा में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हुई बातचीत के बाद एनएसजी में भारत की दावेदारी को लेकर चीन ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया था.

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