इजरायल और हमास के बीच जारी जंग को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार दर्जनों बंधकों को रिहा कराने के लिए इजरायल, अमेरिका और हमास के बीच अस्थायी समझौता हुआ है. इस समझौते के तहत अगले पांच दिनों तक गाजा में लड़ाई बंद रहेगी. वॉशिंगटन पोस्ट को यह सूचना इस समझौते की जानकारी रखने वाले कुछ लोगों से मिली है. वॉशिंगटन पोस्ट के अनुसार इस डील के तहत छह पन्नों के समझौते पर हस्ताक्षर किया गया है. इस समझौते के तहत दोनों ही पक्ष अगले पांच दिनों के लिए लड़ाई को रोक देंगे. इस बीच हर 24 घंटे पर 50 या इससे ज्यादा बंधकों को रिहा किया जाएगा.
बता दें कि हमास ने 7 अक्टूबर को दावा किया था कि उनसने इजरायल से 240 बंधकों को अपने कब्जे में लिया है. इस समझौते के लेकर व्हाइट हाउस या इजरायल के पीएम की तरफ से अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की गई है.गौरतलब है कि जिन लोगों को इस समझौते की जानकारी है उनके अनुसार अगले कुछ दिनों में बंधकों को रिहाई शुरू हो सकती है.
शरणार्थी शिवर पर फिर हमला
इन सब के बीच इजरायल और गाजा के बीच चल रहा युद्ध (Israel Gaza War) अब तक थमने का नाम नहीं ले रहा है. हमास से इजरायल पर हमलाकर जिस युद्ध का आगाज किया था, उसे अंजाम तक पहुंचाने की कसम खाए बैठा इजरायल लगातार गाजा पट्टी के लोगों को निशाना बना रहा है. शनिवार को उत्तरी गाजा में एक शरणार्थी शिविर पर हुए दोहरे हमलों में 80 से ज्यादा लोग मारे गए, ये जानकारी हमास के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने दी. जिस शरणार्थी शिविर को निशाना बनाया गया, उसमें एक UN स्कूल भी शामिल है, इसे इजरायल-हमास युद्ध से विस्थापित हुए लोगों के शेल्टर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था.
हमले में एक ही परिवार के 32 लोगों की मौत
हमास अधिकारी ने कहा कि जबालिया शिविर में एक अन्य इमारत पर शनिवार को हुए एक अलग हमले में एक ही परिवार के 32 लोग मारे गए, जिनमें से 19 बच्चे शामिल थे. हमलों का जिक्र किए बिना, इजरायली सेना ने कहा कि "जबलिया क्षेत्र में एक घटना" की समीक्षा की जा रही है. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक, छह हफ्ते की लड़ाई की वजह से गाजा पट्टी के भीतर करीब 1.6 मिलियन लोगों को विस्थापित होना पड़ा है. संयुक्त राष्ट्र के मानवतावादी प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने "बच्चों, महिलाओं और पुरुषों के मारे जाने की निंदा की. उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "आश्रय सुरक्षा के लिए एक जगह हैं." "नागरिक इसे अब और सहन नहीं कर सकते और न ही करना चाहिए."
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