श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे की ओर से माफी मिलने के बाद मौत की सजा पाए पांच भारतीय मछुआरे बुधवार को रिहा हो गए। इन्हें मादक द्रव्य की कथित तस्करी के मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी।
कारागार अधिकारियों ने कहा कि आगे की कार्यवाही के लिए इन मछुआरों को आव्रजन अधिकारियों के सुपुर्द कर दिया गया है।
एमरसन, पी अगस्तस, आर विल्सन, के प्रसाद और जे लैंगलेट को साल 2011 में गिरफ्तार किया गया था। बीते 30 अक्तूबर को कोलंबो हाईकोर्ट ने इन लोगों को मादक द्रव्य की कथित तस्करी के मामले में मौत की सजा सुनाई थी। इनका ताल्लुक तमिलनाडु से है।
सजा के फैसले को लेकर तमिलनाडु के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए थे तथा रामेश्वरम एवं आसपास के इलाकों में हिंसा भी भड़क गई थी।
भारत ने बीते 11 नवंबर को श्रीलंका के सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ अपील दायर की।
इसी मुद्दे पर पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजपक्षे के बीच फोन पर बातचीत हुई थी।
मछुआरों का मुद्दा श्रीलंका और भारत दोनों के लिए बहुत भावनात्मक रहा है। अन्नाद्रमुक और द्रमुक तथा तमिलनाडु के दूसरे राजनीतिक दल सरकार पर इस मामले को श्रीलंका के समक्ष गंभीरता से उठाने के लिए दबाव बनाते रहे हैं और अक्सर श्रीलंका से शीर्ष नेताओं के भारत आने का तमिलनाडु में विरोध भी हुआ है।
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