कोलम्बो:
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने कहा है कि उन्हें यह देखकर आश्चर्य हुआ कि भारत और अमेरिका सरकार ने मालदीव की नई सरकार को मान्यता देने में कितनी तत्परता दिखाई।
फरवरी में पद से अपदस्थ किए जाने के बाद अपने पहले विदेश दौरे पर श्रीलंका पहुंचे नशीद ने शनिवार को मालदीव की मौजूदा सरकार से जल्द चुनाव कराने का आह्वान किया, ताकि देश में लोकतंत्र बहाल हो सके और राजनीतिक संकट समाप्त हो।
श्रीलंकाई समाचार पत्र, 'संडे आब्जर्वर' द्वारा जारी रपट के अनुसार, नशीद ने हालांकि कहा कि समय पूर्व चुनाव कराने के लिए देश के संविधान में परिवर्तन की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रमंडल, यूरोपीय संघ तथा भारत व अमेरिका सरकार सहित कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां 2012 में चुनाव कराने की मांग कर रही है।
नशीद ने कहा, "वे सभी इस बिंदु पर पहुंचे हैं कि चुनाव बहुत जरूरी है। यह देखकर आश्चर्य हुआ था कि भारत और अमेरिका सरकार ने नई सरकार को मान्यता देने में कितनी तत्परता दिखाई।"
नशीद ने कहा, "मैं समझता हूं कि उन्हें इस बारे में कुछ क्षण सोचना चाहिए था कि आखिर क्या हो रहा है और उसके बाद वे पाए होते कि मौजूदा व्यवस्था बनाए रखना सम्भव नहीं था। इन दोनों सरकारों ने अपनी नीतियों में कई बदलाव किए हैं। प्रारम्भ में यह निराशाजनक था।"
नशीद ने यह भी कहा कि उन्हें सत्ता में लौटने का पूरा भरोसा है, क्योंकि कोई भी सरकार जनता की मर्जी के बगैर नहीं टिकी रह सकती।
फरवरी में पद से अपदस्थ किए जाने के बाद अपने पहले विदेश दौरे पर श्रीलंका पहुंचे नशीद ने शनिवार को मालदीव की मौजूदा सरकार से जल्द चुनाव कराने का आह्वान किया, ताकि देश में लोकतंत्र बहाल हो सके और राजनीतिक संकट समाप्त हो।
श्रीलंकाई समाचार पत्र, 'संडे आब्जर्वर' द्वारा जारी रपट के अनुसार, नशीद ने हालांकि कहा कि समय पूर्व चुनाव कराने के लिए देश के संविधान में परिवर्तन की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रमंडल, यूरोपीय संघ तथा भारत व अमेरिका सरकार सहित कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां 2012 में चुनाव कराने की मांग कर रही है।
नशीद ने कहा, "वे सभी इस बिंदु पर पहुंचे हैं कि चुनाव बहुत जरूरी है। यह देखकर आश्चर्य हुआ था कि भारत और अमेरिका सरकार ने नई सरकार को मान्यता देने में कितनी तत्परता दिखाई।"
नशीद ने कहा, "मैं समझता हूं कि उन्हें इस बारे में कुछ क्षण सोचना चाहिए था कि आखिर क्या हो रहा है और उसके बाद वे पाए होते कि मौजूदा व्यवस्था बनाए रखना सम्भव नहीं था। इन दोनों सरकारों ने अपनी नीतियों में कई बदलाव किए हैं। प्रारम्भ में यह निराशाजनक था।"
नशीद ने यह भी कहा कि उन्हें सत्ता में लौटने का पूरा भरोसा है, क्योंकि कोई भी सरकार जनता की मर्जी के बगैर नहीं टिकी रह सकती।